ओंकारेश्वर की आरती: कर्पूरगौरं करुणावतारं, संसार सारं भुजगेंद्रहारं

ओंकारेश्वर की आरती: नर्मदा नदी के पावन तट पर विराजमान, ओंकारेश्वर महादेव की अद्भुत कृपा से, हम सब एकत्र हुए हैं। आज हम ओंकारेश्वर की आरती गाकर, उनके चरणों में श्रद्धा और भक्ति अर्पित करेंगे। Omkareshwar Mahadev, त्रिदेवों में सबसे शक्तिशाली, सबके दुख हरने वाले, हम सब पर अपनी कृपा दृष्टि बनाए रखें। आइए, मिलकर Omkareshwar Mahadev Aarti गाएं, मन लगाकर, ध्यान से सुनें, और भक्ति भाव से उनके चरणों में समर्पित हों।

ओंकारेश्वर की आरती | Aarti of Omkareshwar

॥ शिव जी (ओंकारेश्वर) की आरती ॥

कर्पूरगौरं करुणावतारं, संसार सारं भुजगेंद्रहारं ।

सदा वसन्तं हृदयारविन्दे, भवं भवानीसहितं नमामि ॥

जय शिव ओंकारा भेज शिव ओंकारा;

ब्रह्मा, विष्णु, सदाशिव अर्ध्दाँगी धारा ॥ १ ॥ ओम हर हर महादेव

एकानन, चतुरानन, पंचानन राजे ।

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हंसासन, गरुणासन, बृषवाहन साजे ॥ २  ॥ ओम हर हर महादेव

दो भुज चारु चतुर्भुज, दशभुज अति सोहे ।

तीनों रूप निखरते, त्रिभुवन जन मोहै ॥ ३ ॥ ओम हर हर महादेव

अक्षमाला वनमाला, रुण्डमाला धारी ।

त्रिपुरारी कंसारी, करमाला धारी ॥ ४ ॥ ओम हर हर महादेव

श्वेताम्बर पीताम्बर, बाघम्बर अंगे ।

सनकादिक, गरुणादिक भूतादिक संगे । ॥ ५ ॥ ओम हर हर महादेव

कर मध्ये सुकमण्डलु, चक्र – शूलधारी ।

सुखकारी, दुखहारी, जग पालन-कारी ॥ ६ ॥ ओम हर हर महादेव

ब्रह्मा, विष्णु, सदाशिव, जानत अविवेका ।

प्रण वाक्षर में शोभित, ये तीनों एका ॥ ७ ॥ ओम हर हर महादेव

चौसठ योगिनी गावत नृत्य करात भैरव ।

बाजत ताल मृदंगा, बाजत ढोल मृदंगा और बाजत डमरू ॥ ८ ॥ ओम हर हर महादेव

काशी में विश्वनाथ विराजे नन्दो ब्रह्मचारी ।

नित – नित दर्शन पाते महिमा अति भारी ॥ ९ ॥ ओम हर हर महादेव

पार्वती पर्वत पर विराजे शंकर कैलाशी ।

भांग धतूरे के भोजन भस्मी भरमाती ॥ १० ॥ ओम हर हर महादेव

त्रिगुण स्वामी की आरती, जो कोई नर गावै ।

भजत शिवानंद स्वामी, मन वांछित फल पावै ॥ ११ ॥ ओम हर हर महादेव

ॐ जय शिव ओंकारा भोले हर भज शिव ओंकारा ।

भोले पार्वती को प्यार, भोले भांग धतूरे वाला ॥ १२ ॥ ओम हर हर महादेव

भोले भूरी जटा वाला, जटा में गंगा विराजे ।

मस्तक पर चन्द्रमा विराजे, ओढत मृगछाला ॥ १३ ॥ ओम हर हर महादेव

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