चालीसा के साथ करें बजरंग बाण पाठ और डाउनलोड करें बजरंग बाण लिखित में

बजरंग बाण पाठ:- आइये जानते हैं क्या है बजरंग बाण? मंगलवार का दिन रामभक्त हनुमान जी की पूजा के लिए समर्पित है। हनुमानजी को संकटमोचन भी कहा जाता है. कहते हैं जब विपत्ति बहुत प्रबल हो जाए और हर कार्य विफल हो जाए तो हनुमान जी की पूजा और बजरंग बाण का पाठ करने से सभी परेशानियां दूर हो जाती हैं। Bajrang Baan Lyrics in Hindi अत्यंत प्रभावशाली माना गया है. हनुमान जी की कृपा पाने के लिए विशेषकर मंगलवार और शनिवार को इसका पाठ करना सर्वोत्तम माना जाता है। विधिपूर्वक बजरंग बाण का पाठ करने से भय, रोग और ग्रह दोष दूर हो जाते हैं।

Bajrang Baan Likhit Me

       

 

बजरंग बाण लिखित में | Bajrang Baan Likhit Me

बजरंग बाण का पाठ बहुत प्रभावशाली होता है। नियमों के अनुसार इस पाठ को करने का उद्देश्य किसी विशेष कार्य को पूरा करना होता है। तीर का मतलब है निर्धारित लक्ष्य को प्राप्त करना. यही कारण है कि बजरंग बाण का पाठ तभी करना चाहिए जब सारी परिस्थितियां आपके विपरीत हो और कोई समाधान नजर नहीं आ रहा हो तो इसके पाठ से हनुमान जी की विशेष कृपा प्राप्त होती है। और परिणाम जल्द ही सामने आने लगते हैं।

इसके अलावा हनुमान जी की कृपा पाने और उनकी परेशानियों से छुटकारा पाने के लिए कई उपाय और ग्रंथ भी बनाए गए हैं, जिनका प्रयोग अलग-अलग समस्याओं से ग्रस्त लोग करते हैं। इन पाठों में दो बेहद प्रभावशाली पाठ हैं. यह पाठ बजरंग बाण एवं हनुमान अष्टांक मंत्र का है। बजरंग बाण है इसलिए यह हनुमान चालीसा के समान ही पाठ है, लेकिन यह हनुमान चालीसा से भी ज्यादा प्रभावशाली है। शत्रु बाधा, तांत्रिक षडयंत्र, दुष्ट कर्म, भूत-प्रेत, ग्रह दोष आदि में यह तीर की तरह काम करता है।

बजरंग बाण चौपाइयों पर आधारित पाठ है लेकिन इसकी सफलता इसकी प्रतिज्ञा में निहित है। इसमें पाठ करने वाले की समस्याओं को हल करने के लिए देवता को शपथ दिलाई जाती है। शपथ की यह प्रक्रिया शाबर मंत्र की तरह है जिसके कारण बजरंग बाण की क्रिया बिल्कुल अलग हो जाती है। दरअसल जब व्यक्ति शपथ लेता है. ईश्वर की शपथ हो या न हो, व्यक्ति का ईश्वर से गहरा नाता जुड़ जाता है और दृढ़ विश्वास व आत्मविश्वास जाग उठता है कि अब समस्या दूर हो जायेगी।

क्योंकि हमने परमेश्‍वर की शपथ खायी है। एक प्रबल आन्तरिक आवेग उत्पन्न होता है और व्यक्ति के पास जो भी आन्तरिक शक्ति होती है उसका उपयोग उस समस्या के प्रति किया जाता है। इससे सफलता में वृद्धि होती है। ऐसा ही कुछ शाबर मंत्रों के साथ भी होता है। इसके साथ ही पृथ्वी की सतह पर सक्रिय देवी-देवता और सहयोगी शक्तियां उस व्यक्ति से जुड़ने और उसकी मदद करने की कोशिश करती हैं। यहां ध्यान देने योग्य बात यह है कि जब किसी देवता की शपथ ली जाती है तो बहुत अधिक सतर्कता और सावधानी बरतनी पड़ती है क्योंकि तब गलतियां माफ नहीं होतीं।

जब आप देवता के साथ जबरदस्ती करने की कोशिश करते हैं तो आपको भी नियंत्रित करना पड़ता है अन्यथा देवता की ऊर्जा कड़ी प्रतिक्रिया दे सकती है। जिस घर में नियमित तौर पर गुग्गुल धूप जलाकर बजरंग बाण का पाठ किया जाता है। वहां दुर्भाग्य, दरिद्रता, भूत-प्रेत तथा असाध्य शारीरिक पीड़ा नहीं आ सकती। यदि किसी कारणवश आप इसका प्रतिदिन पाठ करने में असमर्थ हैं तो आपको यह जाप प्रत्येक मंगलवार को अवश्य करना चाहिए।

बजरंग बाण के चमत्कार व बजरंग बाण क्या है

जब हमारे जीवन के सारे रास्ते बंद हो जाएं और कहीं से कोई उम्मीद न बचे तो बजरंग बाण ही एकमात्र सहारा है। आज हम आपको बजरंग बाण के चमत्कार और क्या है बजरंग बाण से अवगत करा रहे हैं.

  • बजरंग बाण का पाठ करने से विवाह बाधाएं समाप्त हो जाती हैं। कदली वन या कदली वृक्ष (केले का पेड़) के नीचे बजरंग बाण का पाठ करने से विवाह की बाधाएं दूर होती हैं। तलाक जैसी परेशानियां भी टल जाती हैं!
  • बजरंग बाण का पाठ करने से ग्रह दोष दूर होते हैं। अगर आप किसी भी तरह के ग्रह दोष से पीड़ित हैं तो सुबह के समय आटे के दीपक में लाल बत्ती जलाकर बजरंग बाण का पाठ करें। ऐसा करने से बड़े से बड़े ग्रह दोष भी पल भर में दूर हो जायेंगे.
  • बजरंग बाण का पाठ करने से साढ़ेसाती-राहु से होने वाले नुकसान की भरपाई होती है। यदि शनि, राहु या केतु जैसे क्रूर ग्रहों की दशा या महादशा चल रही हो तो 21 या 51 उड़द की दाल के बड़े धागों की माला बनाकर चढ़ाएं। आपको तिल के तेल का दीपक जलाना है और बजरंगबाण का पाठ केवल 3 बार करना है।
  • बजरंग बाण का पाठ करने से कारागार से मुक्ति मिल जाती है। यदि किसी कारणवश जेल जाने के योग बन रहे हों या कोई रिश्तेदार जेल में हो तो उसे मुक्त कराने के लिए हनुमान जी की पूंछ पर सिन्दूर के 11 तिलक लगाने और 11 बार बजरंग बाण का पाठ करने से जेल से मुक्ति मिल जाती है।
  • यदि आप हनुमान जी को 11 गुलाब के फूल चढ़ाएं या चमेली के तेल में 11 लाल दीपक जलाएं तो बड़े से बड़े मुकदमे में भी आपको जीत मिलेगी।
  • बजरंग बाण पाठ में इतनी ताकत है कि सर्जरी और गंभीर बीमारी से बचा जा सकता है। बजरंग बाण: कई बार पेट की गंभीर बीमारियाँ जैसे लिवर फेल होना, पेट का अल्सर या कैंसर हो जाता है, ऐसी बीमारियाँ अशुभ मंगल के कारण होती हैं। अगर इस तरह के रोग से राहत पाना है तो हनुमान जी को 21 पान के पत्तों की माला चढ़ाते हुए 5 बार बजरंग बाण का पाठ करना चाहिए। ध्यान रखें कि बजरंगबाण का पाठ केवल राहुकाल के दौरान ही करना चाहिए। पाठ के दौरान घी का दीपक जलाएं।
  • खोई नौकरी वापस पाने के लिए बजरंग बाण पाठ। यदि नौकरी छूटने का डर हो या छूटी हुई नौकरी दोबारा मिल जाए तो रात्रि में नक्षत्र देखकर बजरंगबाण का पाठ करें। इसके लिए आपको मंगलवार का व्रत भी करना होगा। यदि आप हनुमानजी को नारियल चढ़ाने के बाद उसे लाल कपड़े में लपेटकर घर के दक्षिण-पूर्व कोने में रखते हैं, तो मालिक स्वयं आपको नौकरी देने आ सकता है।
  • बजरंगबाण का पाठ करने से वास्तु दोष दूर हो जाते हैं। कई बार वास्तुदोष के कारण घर में कई परेशानियां उत्पन्न होने लगती हैं। इसलिए घर में वास्तु दोष दूर करने के लिए बजरंगबाण का 3 बार पाठ करना चाहिए। हनुमानजी को लाल झंडा चढ़ाने के बाद उसे घर की दक्षिण दिशा में लगाने से भी वास्तु दोषों से राहत मिलती है। घर में सकारात्मक ऊर्जा के लिए घर के मुख्य प्रवेश द्वार पर पंचमुखी हनुमान की मूर्ति लगाएं।
  • कई बार गंभीर बीमारियों में दवा मदद नहीं करती. औषधि का लाभ हो इसके लिए बजरंग बाण का दो बार पाठ करना चाहिए। साथ ही संजीवनी पर्वत की रंगोली बनाकर उस पर तुलती की 11 माला चढ़ाने से औषधि धीरे-धीरे काम करने लगती है।

बजरंग बाण कितनी बार पढ़ना चाहिए

कई भक्तों से पूछा जाता है कि यह पाठ कितनी बार करना चाहिए। बजरंग बाण आपको बताएगा कि आपको कितनी बार इसका पाठ करना चाहिए। आप जितना अधिक गुड़ डालेंगे, उतना ही मीठा होगा, इसी प्रकार जितना अधिक विधिपूर्वक इसका पाठ करेंगे, उतना अधिक फल मिलेगा। बजरंग बाण पाठ को सिद्ध करने की विधि का प्रयोग करना चाहिए। बजरंग बाण पाठ के लिए किसी भी मंगलवार को रात 11 बजे से 1 बजे तक का समय सुनिश्चित करें। सबसे पहले आप एक चौकी पूर्व दिशा में स्थापित करें।

चौकी पर पीला वस्त्र बिछाएं। फिर कागज पर “ॐ हं हनुमते रुद्रतकाय हुं फट्” मंत्र लिखें और चौकी पर रख दें। चौकी के दाईं ओर घी का दीपक जलाएं और कुश के आसन पर बैठकर करीब पांच बार बजरंग बाण का पाठ करें। इसके बाद कागज पर लिखे मंत्र को उठाकर घर पर बने मंदिर में रख दें और रोजाना इसकी पूजा करें। मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए 41 दिनों तक बजरंग बाण का पाठ करना चाहिए। पाठ को अधूरा नहीं छोड़ना चाहिए।

ॐ हनुमंते रुद्रतकाय हुम् फट की मंत्र का 5 माला जाप करें। इस बात का विशेष ध्यान रखें कि मंत्र में जहां भी फट शब्द आए वहां फट बोलने के साथ-साथ दूसरे हाथ की हथेली पर दो उंगलियों से ताली बजानी है। – इसके बाद लगातार 21 बार बजरंग बाण का पाठ करें। 21 बार जप करने के बाद पुनः 5 माला ॐ हनुमते रूद्राठाकाय हुं फट् का जाप करें।

बजरंग बाण पाठ

Hanuman Chalisa, बजरंग बाण का पाठ करने वाले भक्तों की मनोकामनाएं हनुमान जी सुंदर कांड से भी अधिक प्रभाव से पूर्ण करते हैं। हनुमान जी को कलियुग में सबसे जागृत देवता माना जाता है और वे सात चिरंजीवियों में से एक हैं। अर्थात जो लोग कभी नहीं मर सकते। इनके संबंध में कई किंवदंतियाँ प्रचलित हैं और आधुनिक युग में भी इनका कहीं न कहीं अस्तित्व माना जाता है या उनकी उपस्थिति समझी जाती है। उन्होंने ना सिर्फ भगवान राम की मदद की बल्कि अर्जुन और भीम की भी मदद की। इन्हें भगवान शिव का रुद्रावतार भी कहा जाता है और ये ही हैं। जिससे शनि ग्रह के प्रभाव को भी नियंत्रित किया जा सकता है.

बजरंग बाण पाठ | Bajrang Baan Path

कोई भी पाठ हो जो भले हमे कंठस्थ याद हो फिर भी उसे सामने रख कर कर करना आवश्यक है। बजरंग बाण लिखित में होना जरूरी है। आज हम Bajrang Baan lyrics नीचे अंकित कर रहे  हैं i-

|| श्री बजरंग बाण ||

॥ दोहा ॥

निश्चय प्रेम प्रतीति ते, विनय करैं सनमान ।

तेहि के कारज सकल शुभ, सिद्ध करैं हनुमान ॥

जय हनुमन्त सन्त हितकारी, सुन लीजै प्रभु अरज हमारी ।

जन के काज विलम्ब न कीजै, आतुर दौरि महा सुख दीजै।

जैसे कूदि सिन्धु महिपारा, सुरसा बदन पैठि विस्तारा ।

आगे जाय लंकिनी रोका, मारेहु लात गई सुरलोका ।

जाय विभीषन को सुख दीन्हा, सीता निरखि परमपद लीन्हा ।

बाग उजारि सिन्धु महं बोरा, अति आतुर जमकातर तोरा ।

अक्षय कुमार को मारि संहारा, लूम लपेट लंक को जारा ।

लाह समान लंक जरि गई, जय जय धुनि सुरपुर में भई ।

अब विलम्ब केहि कारन स्वामी, कृपा करहु उर अन्तर्यामी ।

जय जय लखन प्राण के दाता, आतुर होय दु:ख करहु निपाता ।

जै गिरिधर जै जै सुख सागर, सुर समूह समरथ भटनागर ।

ॐ हनु हनु हनु हनुमन्त हठीले, बैरिहि मारू बज्र की कीले ।

गदा बज्र लै बैरिहिं मारो, महाराज प्रभु दास उबारो ।

ॐ कार हुंकार महाप्रभु धावो, बज्र गदा हनु विलम्ब न लावो ।

ॐ ह्रिं ह्रिं ह्रिं हनुमन्त कपीसा, ॐ हुं हुं हुं हनु अरि उर शीशा ।

सत्य होहु हरि शपथ पायके, राम दूत धरु मारु जाय के ।

जय जय जय हनुमन्त अगाधा, दु:ख पावत जन केहि अपराधा ।

पूजा जप तप नेम अचारा, नहिं जानत हौं दास तुम्हारा ।

वन उपवन मग गिरि गृह माहीं, तुम्हरे बल हम डरपत नाहीं ।

पांय परौं कर जोरि मनावौं, येहि अवसर अब केहि गोहरावौं ।

जय अंजनि कुमार बलवन्ता, शंकर सुवन वीर हनुमन्ता ।

बदन कराल काल कुल घालक, राम सहाय सदा प्रतिपालक ।

भूत, प्रेत, पिशाच निशाचर, अग्नि बेताल काल मारी मर ।

इन्हें मारु, तोहि शपथ राम की, राखउ नाथ मरजाद नाम की ।

जनकसुता हरि दास कहावो, ताकी शपथ विलम्ब न लावो ।

जै जै जै धुनि होत अकासा, सुमिरत होत दुसह दु:ख नाशा ।

चरन शरण कर जोरि मनावौं, यहि अवसर अब केहि गोहरावौं ।

उठु उठु चलु तोहि राम दुहाई, पांय परौं कर जोरि मनाई ।

ॐ चं चं चं चं चपल चलंता, ॐ हनु हनु हनु हनु हनुमंता ।

ॐ हं हं हांक देत कपि चंचल, ॐ सं सं सहमि पराने खल दल ।

अपने जन को तुरत उबारो, सुमिरत होय आनंद हमारो ।

यह बजरंग बाण जेहि मारै, ताहि कहो फिर कौन उबारै ।

पाठ करै बजरंग बाण की, हनुमत रक्षा करै प्राण की ।

यह बजरंग बाण जो जापै, ताते भूत-प्रेत सब कांपै ।

धूप देय अरु जपै हमेशा, ताके तन नहिं रहै कलेशा ।

॥ दोहा ॥

प्रेम प्रतीतिहि कपि भजै, सदा धरै उर ध्यान ।

तेहि के कारज सकल शुभ, सिद्ध करैं हनुमान ॥

हनुमान चालीसा बजरंग बाण | Hanuman Chalisa Bajrang Baan

हनुमान चालीसा बजरंग बाण दोनो ही पाठ हनुमान जी को प्रसन्न करने हेतु एक समान है। दोनो पाठ को शुद्धता, एकाग्रता, सही उद्देश्य एवम पूर्ण विश्वास से किए जाते है तो posetive परिणाम प्राप्त होते है। दोनो पाठ को विधि पूर्वक नहीं करने पर negative परिणाम देते है।

FAQ

Qu. हनुमान जी किसका अवतार है?

Ans. हनुमान जी भगवान शिव के ग्यारहवें रुद्र अवतार है।

Qu. हनुमान जी के शक्तिशाली होने का वर्णन कोनसा है?

Ans. हनुमान जी के शक्तिशाली होने का वर्णन लंका कांड में लक्ष्मण जी के मूर्छित होने पर संजीवनी बूटी लाने के समय का है। जब संजीवनी बूटी को नहीं पहचान पाए तो पूरा पर्वत ही उठा कर ले आए।

Related New Post

Leave a Comment