चौघड़िया मुहूर्त क्या है: आज का शुभ चौघड़िया मुहूर्त देखने की सही विधि जाने 

चौघड़िया मुहूर्त:- सनातन धर्म में चौघड़िया मुहूर्त के पालन का विशेष महत्व है। इस धार्मिक अनुष्ठान के अनुसार किसी भी शुभ कार्य को शुरू करने से पहले या उसे पूरा करने से पहले शुभ और अशुभ समय का ध्यान रखना चाहिए। चौघड़िया मुहूर्त एक विशेष प्रकार का समय है जो दिन और रात को 16 भागों में विभाजित करता है। ये हिस्से दिन के लिए 8 और रात के लिए 8 हैं।

Chaughadiya Muhurat

चौघड़िया मुहूर्त का उपयोग शुभ कार्यों को आरंभ करने के लिए किया जाता है। इसमें विभिन्न श्रेणी के कार्यों के लिए विशेष मुहूर्त निर्धारित किए जाते हैं। सोमवार से रविवार तक सप्ताह के दिनों के लिए Chaughadiya Muhurat तैयार किया गया है ताकि लोग शुभ समय पर अपना काम शुरू कर सकें। चौघड़िया मुहूर्त दिन के दौरान सूर्योदय से सूर्यास्त तक और रात के दौरान सूर्यास्त से सूर्योदय तक के समय को ध्यान में रखता है।

चौघड़िया मुहूर्त क्या है | Chaughadiya Muhurat

प्रत्येक अहोरात्रि में 16 चौघड़िया मुहूर्त होते हैं, जिनमें शुभ और अशुभ मुहूर्त शामिल होते हैं। प्रत्येक चौघड़िया की अवधि लगभग डेढ़ घंटा होती है। दिन में आठ घंटे और 12 घंटे का चौघड़िया मुहूर्त होता है। चौघड़िया मुहूर्त सुबह सूर्य उदय के साथ शुरू होता है, जिसे दिन का चौघड़िया कहा जाता है। रात्रि का चौघड़िया सूर्य के अस्त होने से लेकर रात्रि के 12 घंटे बाद सूर्य के उदय होने तक रहता है, जिसे रात्रि का चौघड़िया कहा जाता है। यहां सात प्रकार के चौघड़िया होते हैं जिन्हें शुभ, लाभ, अमृत, चंचल, उद्वेग, रोग और काल नाम दिया गया है। ये गृह स्वामी और अवधि के अनुसार साप्ताहिक शुभ और अशुभ समय का संकेत देते हैं।

शुभ चौघड़िया कौनसे हैं

चौघड़िया सात प्रकार की होती है, जिसमें अमृत, शुभ, लाभ, चंचल (चर) और उद्वेग समय के अनुसार शुभ चौघड़िया माने जाते हैं।

  • अमृत चौघड़िया: अमृत चौघड़िया में किये जाने वाले कार्यों को शुभ परिणाम देने की मान्यता है। चंद्र को अमृत चौघड़िया का स्वामी माना जाता है, और प्रत्येक वार में जिस समय अमृत चौघड़िया होता है, उस समय का महत्व देवतुल्य माना जाता है।
  • शुभ चौघड़िया: बृहस्पति को “शुभ” चौघड़िया का स्वामी कहा जाता है। इस चौघड़िया के तहत जो भी कार्य किया जाता है, वह अत्यंत फलदायी होता है। इसके साथ ही व्यक्ति अपना कार्य निष्ठा और भावना से करने पर उत्तम फल प्राप्त करता है।
  • लाभ चौघड़िया:बृहस्पति को “शुभ” चौघड़िया का स्वामी माना जाता है। इस चौघड़िया के तहत किए गए कार्यों का अत्यंत फलदायी माना जाता है। यहां उपयुक्त तरीके से और भावनात्मक निष्ठा के साथ किए गए कार्यों से उत्तम परिणाम प्राप्त किए जा सकते हैं। शुभ चौघड़िया को अक्सर अच्छे समय के रूप में देखा जाता है, जब लोग अपने कार्यों को प्रारंभ करते हैं और आशा करते हैं कि उनका प्रयास सफल और समृद्ध हो।
  • चंचल (चर) चौघड़िया: शुक्र ग्रह वास्तव में व्यक्ति को विभिन्न स्थितियों और परिस्थितियों में सर्वोत्तम परिणाम देने के लिए जाना जाता है। इसी कारण चंचल (चर) चौघड़िया को भी कार्य सिद्धि के लिए शुभ माना जाता है। इस समय का ध्यान रखने और शुभ समय को चुनने से यात्रा शुभ और मंगलमय हो सकती है।
  • उद्वेग चौघड़िया: आमतौर पर किसी भी शुभ कार्य को करने से पहले उद्वेग चौघड़िया पर विचार नहीं किया जाता है। लेकिन इस दौरान बड़े पैमाने पर काम किया जा सकता है। सूर्य ग्रह को उद्वेग चौघड़िया का स्वामी माना जाता है, इसलिए रविवार को सूर्योदय होने से उद्योग चौघड़िया पर पहला चौघड़िया रहता है।

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अशुभ चौघड़िया कौनसे है

चौघड़िया मुहूर्त के अनुसार चौघड़िया पर कोई भी शुभ कार्य करने से पहले रोग, समय और तनाव का त्याग करना अधिक उचित माना जाता है। इन चौघडि़यों में शुरू किए गए कार्यों में अविश्वास और संकट आ सकता है। इसके बजाय शुभ कार्य के लिए किसी अन्य शुभ समय का इंतजार करना बेहतर होता है ताकि पूर्ण सफलता प्राप्त हो सके।

  • रोग चौघड़िया:- यहां शत्रु को परास्त करने की रणनीतियों का उल्लेख है, लेकिन इसे विशेष रूप से शुभ कार्य के समय के रूप में स्वीकार नहीं किया जाता है। रोग चौघड़िया के दौरान किया गया कोई भी कार्य व्यक्ति को प्रतिकूल परिणाम देने की संभावना रखता है, इसलिए इस समय का उपयोग शुभ कार्यों के लिए नहीं किया जाता है।
  • काल चौघड़िया:- शनि के प्रभावी होने के कारण यह समय शुभ कार्यों के लिए अनुपयुक्त माना जाता है। इस दौरान शुरू किए गए कार्यों में रुकावटें और अधिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है। इसलिए काल चौघड़िया में शुभ कार्य शुरू करने से बचना चाहिए। हालाँकि धन प्राप्ति जैसे विशेष संदर्भों में शुभ परिणाम मिल सकते हैं, लेकिन ऐसे मामलों में भी सतर्क रहने की सलाह दी जाती है।

आज का चौघड़िया कैसे देखें

सात दिनों में सात प्रकार के चौघड़िया उनके ग्रह स्वामी के प्रभाव के अनुसार सूर्य उदय के साथ शुरू होते हैं। इसका उद्देश्य लोगों को उनके शुभ कार्यों के लिए उचित समय के बारे में बताना है। प्रत्येक चौघड़िया का समय लगभग डेढ़ घंटा होता है और सूर्य के अस्त होने और उगने के समय के अनुसार चौघड़िया समय में बदलाव संभव है। आप अपने वार्ता के समय को ध्यान में रखते हुए शुभ कार्यों के लिए उपयुक्त मुहूर्त देखने के लिए नीचे दी गई चौघड़िया तालिका का उपयोग कर सकते हैं।

यदि आपको सोमवार के दिन कोई शुभ कार्य करने की योजना है, तो सुबह के साथ ही अमृत चौघड़िया का समय उपयुक्त हो सकता है। यह समय उन शुभ कार्यों के लिए उपयुक्त होता है जो आप जल्दी शुरू करना चाहते हैं। साथ ही, सुबह 9:00 बजे से लेकर 10:30 बजे तक भी शुभ चौघड़िया होता है। उसके बाद, दिन के दौरान आप फिर से लाभ और अमृत चौघड़िया का समय भी ध्यान में रख सकते हैं, जो आपके शुभ कार्यों के लिए अनुकूल हो सकता है। यह सारणी आपको अन्य दिनों के लिए भी शुभ समय का निर्धारण करने में मदद कर सकती है।

दिन का चौघड़िया सूर्य उदय से सूर्य अस्त तक
सप्ताहप्रथमद्वितीयतृतीयचतुर्थपंचमषष्ठमसप्तमअष्ठम
रविवारउद्वेगचंचललाभअमृतकालशुभरोगउद्वेग
सोमवारअमृतकालशुभरोगउद्वेगचंचललाभअमृत
मंगलवाररोगउद्वेगचंचललाभअमृतकालशुभरोग
बुधवारलाभअमृतकालशुभरोगउद्वेगचंचललाभ
गुरुवारशुभरोगउद्वेगचंचललाभअमृतकालशुभ
शुक्रवारचंचललाभअमृतकालशुभरोगउद्वेगचंचल
शनिवारकालशुभरोगउद्वेगचंचललाभअमृतकाल
समय6:00 से 7:30 तक7:30 से 9:00 तक9:00 से 10:30 तक10:30 से 12:00 तक12:00 से 1:30 तक1:30 से 3:00 तक3:00 से 4:30 तक4:30 से 6:00 तक
रात्रि/ रात का चौघड़िया सूर्य अस्त से सूर्य उदय तक
सप्ताहप्रथमद्वितीयतृतीयचतुर्थपंचमषष्ठमसप्तमअष्ठम
रविवारशुभअमृतचंचलरोगकाललाभउद्वेगशुभ
सोमवारचंचलरोगकाललाभउद्वेगशुभअमृतचंचल
मंगलवारकाललाभउद्वेगशुभअमृतचंचलरोगकाल
बुधवारउद्वेगशुभअमृतचंचलरोगकाललाभउद्वेग
गुरुवारअमृतचंचलरोगकाललाभउद्वेगशुभअमृत
शुक्रवाररोगकाललाभउद्वेगशुभअमृतचंचलरोग
शनिवारलाभउद्वेगशुभअमृतचंचलरोगकाललाभ
समय6:00 से 7:30 तक7:30 से 9:00 तक9:00 से 10:30तक10:30 से 12:00तक12:00 से 1:30 तक1:30 से 3:00 तक3:00 से 4:30 तक4:30 से 6:00 तक

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