Din Ka Chaughadiya:- चौघड़िया मुहूर्त एक प्राचीन भारतीय ज्योतिष विज्ञान है जो दिन और रात को 8-8 चौघड़िया में विभाजित करता है। प्रत्येक चौघड़िया का समय लगभग डेढ़ घंटे का होता है, जिसमें से पहला चौघड़िया सूर्योदय के समय से शुरू होता है और अंतिम चौघड़िया सूर्यास्त के समय तक चलता है। चौघड़िया मुहूर्त का उपयोग किसी भी शुभ कार्य के लिए मुहूर्त निर्धारित करने में किया जाता है, जैसे शुभ शुरुआत, विवाह, यात्रा, नौकरी की शुरुआत आदि।
शास्त्रों में विशेष रूप से शुभ और अशुभ कार्यों के लिए विशेष चौघड़िया मुहूर्तों का उल्लेख किया गया है। अब, दिन के समय में साप्ताहिक कौन-कौन से चौघड़िया श्रेष्ठ फलों के कारक सिद्ध हो सकते हैं, परंतु आम दिनों में किसी छोटे बड़े शुभ कार्य को करने से पूर्व दिन का चौघड़िया मुहूर्त (Din Ka Chaughadiya Muhurat) देखकर के भी आप कार्य शुभारंभ कर सकते हैं।
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दिन के शुभ मुहूर्त चौघड़िया | Din Ka Chaughadiya
दिन के शुरुआत से लेकर सातवें दिन तक, हर दिन के साथ सात ग्रहों का समय बदलता रहता है। इन ग्रहों के शुभ समय को लाभप्रद चौघड़िया के रूप में माना जाता है। दिन में, अमृत, लाभ, शुभ, चर और चंचल – ये सभी चौघड़िया को शुभ माना जाता है, और इनका समय उनके प्रतिष्ठित धारा के अनुसार होता है।
- अमृत (Amrit): शुभ और लाभकारी होता है।
- शुभ (Shubh): शुभ कार्यों के लिए अनुकूल होता है।
- लाभ (Labh): लाभदायक और शुभ होता है।
- चल (Chal): चलने और यात्रा के लिए अनुकूल होता है।
- उद्वेग (Udveg): अशुभ और उत्तेजनात्मक होता है।
- काल (Kaal): अशुभ और निराशाजनक होता है।
- रोग (Rog): स्वास्थ्य के लिए अनुकूल नहीं होता है।
दिन का चौघड़िया मुहूर्त कैसे देखें
यदि कोई व्यक्ति किसी शुभ कार्य को शुरू करना चाहता है, तो वह दिन के चौघड़िया का समय देख सकता है। अगर वह शुभ कार्य के लिए अच्छे फल की कामना कर रहा है, तो उसे अमृत, लाभ या शुभ चौघड़िया में कार्य आरंभ करना उपयुक्त होगा। इससे उसे उत्तम फल की प्राप्ति की आशा होगी।
बुधवार के दिन के चौघड़िया समय में लाभ, अमृत, शुभ, रोग, उद्योग, चंचल, और लाभ के अंकित खंड होते हैं। यह खंड शुभ और अशुभ समय का विश्लेषण करने में मदद करते हैं। सूर्य उदय से लेकर सूर्य अस्त तक का समय इस समय की सहायता से प्राप्त किया जा सकता है, जिससे व्यक्ति अपने कार्यों को शुभ समय पर आरंभ कर सकता है, और अधिक फल की प्राप्ति के आसार होते हैं।
बुधवार के दिन के बृहस्पति ग्रह का वार होता है, और सूर्य की उपस्थिति में सूर्य उदय के साथ लाभ चौघड़िया का समय होता है। सूर्य के उदय के समय से लेकर 7:30 बजे तक लाभ चौघड़िया का कार्य प्रारंभ करना शुभ माना जाता है। यह अच्छा है कि इस समय पर कोई शुभ कार्यों को आरंभ किया जाए ताकि अधिक फल प्राप्त हो सके।
चौघड़िया | समय |
अमृत | 7:30 से लेकर 9:00 तक डेढ़ घंटे का समय |
काल | 9:00 बजे से लेकर 10:30 बजे तक |
शुभ | 10:30 बजे से लेकर 12:00 बजे तक |
रोग | 12:00 बजे से लेकर दोपहर 1:30 बजे तक |
उद्वेग | दोपहर 1:30 बजे से लेकर 3:00 बजे तक |
चंचल | दोपहर 3:00 बजे से लेकर 4:30 बजे तक |
लाभ | शाम 4:30 से लेकर 6:30 बजे तक |
वार के अनुसार चौघड़िया
चौघड़िया का समय ग्रह स्वामी के दिनांक और समय के अनुसार निर्धारित होता है। यह एक प्राचीन ज्योतिष विज्ञान है जो लोगों को शुभ और अशुभ समय का पता लगाने में मदद करता है। यहां गृह स्वामी के साप्ताहिक वार के अनुसार सूर्य के उदय का समय निर्धारित किया जाता है, जिससे लोग अपने कार्यों को शुभ समय पर आरंभ कर सकें।
वार | चौघड़िया |
रविवार के दिन | उद्वेग चौघड़िया से शुरुआत होती है और सूर्य अस्त भी उद्वेग चौघड़िया में ही होता है। |
सोमवार के दिन | अमृत चौघड़िया में दिन शुरू होता है और अमृत चौघड़िया में ही सूर्य अस्त होता है। |
मंगलवार के दिन | मंगल ग्रह के रूप में रोग चौघड़िया में सूर्य उदय होता है और सूर्य अस्त भी रोग चौघड़िया में ही होता है। |
बुधवार के दिन | लाभ चौघड़िया की शुरुआत होती है और सूर्य अस्त भी लाभ चौघड़िया के समय में ही होता है। |
गुरुवार के दिन | शुभ चौघड़िया से भास्कर उदय होता है और शुभ समय में ही भास्कर अस्त होता है। |
शुक्रवार के दिन | चंचल चौघड़िया में दिनकर उदय होता है और इसी चौघड़िया में अस्त होता है। |
शनिवार के दिन | सूर्य उदय काल चौघड़िया में होता है और सूर्य अस्त काल चौघड़िया में ही होता है। |
चौघड़िया का समय दिन में सूर्य उदय से लेकर सूर्यास्त तक की समय अवधि में ही समाप्त होता है और इसी अवधि में उनकी शुरुआत होती है। भारत के विभिन्न भागों में सूर्य उदय का समय कुछ क्षण और मिनट का अंतर होता है, जिसके अनुसार चौघड़िया का समय भी बदल जाता है। इसलिए, लोग अपने स्थान के आधार पर चौघड़िया का समय निर्धारित करते हैं ताकि वे अपने कार्यों को शुभ समय पर आरंभ कर सकें।