गंधमादन पर्वत कहां है:- गंधमादन पर्वत जो की कैलाश पर्वत के उत्तर में स्थित है मान्यता है। कि वहां आज भी हनुमान जी निवास करते हैं। हनुमान जी के इस निवास स्थान की जानकारी कई हिंदू ग्रंथो में और वैदिक पुराणों में मिलती है। Hanumanji को मां सीता जी से अमरत्व का वरदान प्राप्त है। जब हनुमान जी भगवान राम जी का संदेश लेकर माता सीता के पास पहुंचे थे। तब मां सीता ने उनको अमर होने का वरदान दिया था। इस लेख में आप जानेंगे की गंधमादन पर्वत (Gandhamaadan Parvat) कहाँ पर है।
Table of Contents
गंधमादन पर्वत कहां है | Gandhamaadan Parvat Kha Hai
हिंदू शास्त्रों में बताया गया है कि गंधमादन पर्वत (Gandhamaadan Parvat) कैलाश पर्वत के उत्तर में स्थित है। जहां महर्षि कश्यप ने किठन तपस्या की थी। इस पर्वत पर गंधर्व किन्नर, अप्सराओं और ऋषि मुनियों का निवास बताया गया है। इसके शिखर पर किसी वाहन से पूछना असंभव माना जाता है।
शास्त्रों के अनुसार गंधमादन पर्वत हिमालय के कैलाश पर्वत से उत्तर दिशा की ओर है। यह पर्वत कुबेर के राज्य क्षेत्र में था।और सुमेरु पर्वत की चारों दिशाओं में गज दांत पर्वतों में से एक था। जो उस काल में गंधमादन पर्वत कहा जाता था। और आज यह क्षेत्र तिब्बत के इलाके में आता है। इसके अलावा इस नाम से एक और पर्वत है जो रामेश्वरम के पास स्थित है जहां पर महावीर ने लंका पहुंचने के लिए समुद्र पार करने के लिए छलांग लगाई थी।
गंधमादन पर्वत पर कैसे जाएं
गंधमादन पर्वत पर पहुंचने के लिए मुख्य तीन रास्ते हैं। जिसमें से पहला रास्ता नेपाल के रास्ते मानसरोवर से आगे और दूसरा रास्ता भूटान की पहाड़ियों से आगे इसके अलावा तीसरा रास्ता अरुणाचल के रास्ते चीन होते हुए हैं। गंधमादन पर्वत पर जाने के लिए जातक को बहुत सी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इस पर्वत पर जाने के लिए हिमालय के कैलाश पर्वत से उत्तर दिशा की ओर यह पर्वत तिब्बत क्षेत्र के इलाके में आता है। और पौराणिक कथाओं में यह पर्वत कुबेर के राज्य क्षेत्र में था।
हिंदू शास्त्रों में बताया गया है कि Gandhamaadan Parvat कैलाश पर्वत के उत्तर दिशा में स्थित है। और इस पर्वत पर महर्षि कश्यप ने तपस्या की थी और यह माना जाता है कि इस पर इस पर्वत पर आज भी हनुमान जी निवास करते हैं। वह बजरंगबली के अलावा गंधर्व, किन्नर, अप्सराओं और सिद्ध ऋषियो का निवास बताया गया है इस पर जाने के लिए जातक अपने वाहन से नहीं पहुंच सकता। बल्कि उसे पैदल जाना पड़ता है।
आपको इस लेख में यह तो पता चल गया होगा कि गंधमादन पर्वत कहां है। और इस पर कैसे जाया जा सकता है। और इसके बारे में कुछ रहस्य भी बताया गया है। जो आपको जानकर बहुत हैरान कर देंगे। तो हम आपको इस लेख में उन रहस्यों के बारे में पूर्ण जानकारी दे रहे हैं जिनको पढ़कर आप अपने ज्ञान में वर्द्धि कर सकते हैं।
गंधमादन पर्वत का रहस्य
हिमालय में आज भी हजारों ऐसे स्थान है जहाँ पर देवी देवताओं और तपवस्यो के रहने का स्थान माना गया है जिनमें से एक है। गंधमादन पर्वत जो अपने आप में भी रहस्य बना हुआ है कि यहां हनुमान जी निवास करते है या नहीं हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार हनुमान जी का निवास स्थान गंधमादन पर्वत को बताया गया है। जो हमें यह बताता है कि हनुमान जी यहां पर निवास करते हैं। जो हमें किसी भी रूप में दर्शन दे सकते हैं
रामायण के अनुसार जम्मू दीप के इलाहाबाद खंड और भद्रसव खंड के बीच में गंधमादन पर्वत स्थित है। जो अपने सुगंधित वनों के लिए प्रसिद्ध था। इस क्षेत्र में दो रास्तों से जाया जा सकता है। पहला रास्ता नेपाल से और दूसरा रास्ता भूटान की पहाड़ियों से आगे और इसका तीसरा रास्ता भी है। जो अरुणाचल के रास्ते से चीन होते हुए जाता है। संभावित महाभारत काल में अर्जुन ने असम के एक तीर्थ में जब हनुमान जी से भेंट की थी तो हनुमान जी भूटान या अरुणाचल के रास्ते ही असम के तीर्थ में आए होंगे।
इसके अलावा और भी पढ़े
हनुमान जी की तीनों पत्नियों के नाम | राशि अनुसार कर्ज मुक्ति के उपाय |
हनुमान जी का मुख किस दिशा में होना चाहिए | हनुमान जी के कितने पुत्र थे |