Ganga Dashara Kab Hai 2024: गंगा दशहरा स्नान के 10 लाभ, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि जाने

Ganga Dashara Kab Hai 2024: ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि यानि गंगा दशहरा का दिन हिंदू धर्म में बहुत महत्वपूर्ण है। इस दिन पूजा-पाठ, दान-पुण्य और गंगा नदी में स्नान करने से व्यक्ति को पापों से मुक्ति मिलती है और सुख-समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है। आइए इस लेख में गंगा दशहरा का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और इस साल Ganga Dussehra Kab Hai, इसके बारे में विस्तार से जानते हैं।

Ganga Dussehra Kab Hai 2024

इस साल गंगा दशहरा 16 जून 2024 को मनाया जाएगा। यह पवित्र दिन गंगा नदी में स्नान करने और दान करने के लिए सबसे अच्छा समय है। इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करना बेहद शुभ माना जाता है, लेकिन अगर आप ब्रह्म मुहूर्त में स्नान नहीं कर पाते हैं तो सुबह 7:08 बजे से 10:37 बजे के बीच का समय भी शुभ समय है। इस दिन गंगा नदी में डुबकी लगाने से आप अपने पापों से मुक्ति पा सकते हैं और सुख-समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं।

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गंगा दशहरा की पूजा विधि 

Ganga Dashara जिसे विष्णुपदी गंगा के नाम से भी जाना जाता है, हिंदू कैलेंडर के अनुसार ज्येष्ठ माह की दशमी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन मां गंगा के धरती पर अवतरण का उत्सव मनाया जाता है। Ganga Dussehra पर पूजा विधि इस प्रकार है:

1. ब्रह्म मुहूर्त में स्नान: सुबह जल्दी उठकर ब्रह्म मुहूर्त में गंगा नदी में स्नान करें। अगर गंगा नदी तक नहीं जा पाएं तो घर पर ही गंगा जल से स्नान करें। स्नान करते समय मां गंगा का ध्यान करें और अपने पापों से मुक्ति के लिए प्रार्थना करें।

2. सूर्य देव को अर्घ्य: स्नान के बाद साफ कपड़े पहनें और सूर्य देव को अर्घ्य दें। तांबे के बर्तन में जल भरें, उसमें कुमकुम, चावल और फूल डालकर सूर्य देव को अर्घ्य दें। सूर्य देव को जल चढ़ाते समय “ॐ सूर्याय नमः” मंत्र का जाप करें।

3. मां गंगा की पूजा: मां गंगा की मूर्ति या तस्वीर के सामने दीपक जलाएं।

धूप, अगरबत्ती और फूल चढ़ाएं। मां गंगा को प्रणाम करें और उनसे सुख, समृद्धि और मोक्ष की कामना करें।

4. भगवान शिव की पूजा: Ganga Dussehra पर भगवान शिव की पूजा का भी विशेष महत्व है। भगवान शिव की मूर्ति या तस्वीर के सामने जल चढ़ाएं और बेलपत्र चढ़ाएं। “ॐ नमः शिवाय” मंत्र का जाप करें।

5. गंगा स्तोत्र का पाठ: गंगा स्तोत्र का पाठ करने से व्यक्ति को शुभ फल की प्राप्ति होती है। आप स्वयं भी गंगा स्तोत्र का पाठ कर सकते हैं या किसी विद्वान ब्राह्मण से इसका पाठ करवा सकते हैं।

6. दान: पूजा के बाद जरूरतमंद लोगों को दान दें। दान करने से व्यक्ति को पुण्य की प्राप्ति होती है और उसके पाप धुल जाते हैं।

7. भोजन: पूजा के बाद सात्विक भोजन करें। इस दिन प्याज, लहसुन और मांसाहारी भोजन का सेवन वर्जित है।

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गंगा स्नान से होंगे 10 पाप नष्ट

Ganga Dussehra का दिन पवित्रता और मोक्ष का प्रतीक है। इस दिन गंगा नदी में स्नान करने से व्यक्ति को सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है और उसके पाप धुल जाते हैं। ऐसा माना जाता है कि इस दिन गंगा में स्नान करने से दस तरह के पाप नष्ट हो जाते हैं। ये पाप मानव जीवन को कलंकित करते हैं और व्यक्ति को दुख और पीड़ा में डाल देते हैं। गंगा स्नान करने से होंगे ये 10 पाप नष्ट :

  • निषिद्ध हिंसा: बिना कारण के जानवरों या मनुष्यों को नुकसान पहुँचाना।
  • व्यभिचार: विवाहित महिलाओं के साथ अनुचित संबंध रखना।
  • जो नहीं दिया गया है उसे लेना: बिना अनुमति के किसी की संपत्ति चुराना या लेना।
  • कठोर भाषण: शपथ लेना, अपमानजनक शब्दों का प्रयोग करना, या ऐसी बातें कहना जो किसी को चोट पहुँचाती हैं।
  • दूसरे लोगों के धन के बारे में सोचना: लालच और स्वार्थ से प्रेरित, किसी के धन को हड़पना।
  • किसी को नुकसान पहुँचाना: किसी को नुकसान पहुँचाना, उनके खिलाफ़ साजिश करना, या उनके जीवन में हस्तक्षेप करना।
  • बेकार की चीज़ों में उलझे रहना: बेकार की चीज़ों में फँसना, बहस करना, और अपनी राय पर अड़े रहना।
  • झूठ बोलना: सच छिपाना, झूठी कहानियाँ बनाना, या किसी को धोखा देना।
  • चुगली करना: किसी के बारे में झूठी अफ़वाहें फैलाना, उनके बारे में बुरा बोलना, या उनकी प्रतिष्ठा को नुकसान पहुँचाना।
  • दूसरों को नुकसान पहुँचाना: किसी को दर्द, पीड़ा या नुकसान पहुँचाना।
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