गुरु पूर्णिमा भजन लिरिक्स: गुरु पूर्णिमा का पावन पर्व आ रहा है, जो 21 जुलाई, रविवार को मनाया जाएगा। इस दिन गुरु की पूजा का विशेष महत्व है, क्योंकि हिंदू धर्म में गुरु को भगवान से भी ऊपर माना जाता है। गुरु ही हमें भगवान तक पहुंचने का मार्ग दिखाते हैं। गुरु की महिमा का गुणगान करने के लिए अनेक सुमधुर भजन रचे गए हैं। आइए, इस गुरु पूर्णिमा पर गुरु की कृपा प्राप्त करने के लिए इन भजनों को गाएं या सुनें।
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गुरु पूर्णिमा भजन लिरिक्स | Guru Purnima bhajan lyrics
1. गुरु मेरी पूजा गुरु गोबिंद
यह भजन “गुरु मेरी पूजा गुरु गोबिंद” गुरु के प्रति अगाध श्रद्धा और भक्ति का सुंदर उदाहरण है। इसमें गुरु को भगवान से भी ऊपर माना गया है, और उनकी सेवा को सर्वोच्च पूजा बताया गया है।
गुरु मेरी पूजा गुरु गोबिंद
गुरु मेरा पारब्रह्म, गुरु भगवंत
गुरु मेरा देव अलख अभेव
सरब पूज्य, चरण गुरु सेवू
॥ गुरु मेरी पूजा गुरु गोबिंद…॥
गुरु बिन अवर नहीं मैं थाओ
अन दिन जपो, गुर गुर नाओ
॥ गुरु मेरी पूजा गुरु गोबिंद…॥
गुरु मेरा ग्यान, गुरु रिदे धयान
गुरु गोपाल पुरख भगवान्
॥ गुरु मेरी पूजा गुरु गोबिंद…॥
गुरु की सरन रहूँ कर जोर
गुरु बिना मैं नाही होर
॥ गुरु मेरी पूजा गुरु गोबिंद…॥
गुरु बोहित तारे भव पार
गुरु सेवा ते यम छुटकार
॥ गुरु मेरी पूजा गुरु गोबिंद…॥
अन्धकार में गुरु मन्त्र उजारा
गुरु कै संग सगल निस्तारा
॥ गुरु मेरी पूजा गुरु गोबिंद…॥
गुरु पूरा पाईये वडभागी
गुरु की सेवा दुःख ना लागी
॥ गुरु मेरी पूजा गुरु गोबिंद…॥
गुरु का सबद ना मेटे कोई
गुरु नानक नानक हर सोए
गुरु मेरी पूजा गुरु गोबिंद
गुरु मेरा पारब्रह्म, गुरु भगवंत
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2. दिल में ना जाने सतगुरु
यह भजन “दिल में ना जाने सतगुरु” गुरु के प्रति अटूट प्रेम और समर्पण का भावपूर्ण चित्रण करता है। इसमें गुरु के आशीर्वाद और कृपा से जीवन में आए बदलाव को बड़ी खूबसूरती से दर्शाया गया है।
दिल में ना जाने सतगुरु,
क्या रंग भर दिया है,
छोड़ेंगे अब ना दर तेरा,
इकरार कर लिया है ||
दिल में ना जाने सतगुरु,
क्या रंग भर दिया है,
छोड़ेंगे अब ना दर तेरा,
इकरार कर लिया है ||
जिस दिन से पी लिया है,
तेरे नाम का यह प्याला,
मुझको खबर नहीं है,
मेरा दिल किधर गया है,
छोड़ेंगे अब ना दर तेरा,
इकरार कर लिया है ||
तूने हाथ जिसका थामा,
बंदा बना प्रभु का,
हुई नज़र जिस पे तेरी,
समझो के तर गया है,
छोड़ेंगे अब ना दर तेरा,
इकरार कर लिया है ||
तेरी चरण धूलि जब से,
मस्तक को छू गयी है,
मेरी तकदीर बदल गयी है,
जीवन सवार गया है,
छोड़ेंगे अब ना दर तेरा,
इकरार कर लिया है ||
दिल में ना जाने सतगुरु,
क्या रंग भर दिया है,
छोड़ेंगे अब ना दर तेरा,
इकरार कर लिया है ||
दिल में ना जाने सतगुरु,
क्या रंग भर दिया है,
छोड़ेंगे अब ना दर तेरा,
इकरार कर लिया है ||
3. मेरे गुरुदेव की मुझ पर कृपा
यह भजन “मेरे गुरुदेव की मुझ पर कृपा” गुरु के प्रति अगाध श्रद्धा और आत्मिक उद्धार की तीव्र इच्छा को दर्शाता है। इसमें गुरु की कृपा को जीवन में आने वाले सभी सुख और मुक्ति का स्रोत बताया गया है।
मेरे गुरुदेव की मुझ पर कृपा एक बार हो जाये एक बार हो जाये,
लगा लू रज मे चरणों की मेरा उद्धार हो जाये ||
मेरे गुरुदेव की मुझ पर कृपा एक बार हो जाये एक बार हो जाये,
लगा लू रज मे चरणों की मेरा उद्धार हो जाये ||
मेरे हो तुम गूरूदेवा लगाकर मन करूँ सेवा,
जगा दो ज्ञान की ज्योति, चमन गुलज़ार हो जाए || ||
दया के आप हो सागर मेरी भरदो प्रभु गागर,
बहा दो प्रेम की गँगा बेड़ा पार हो जाये || ||
फँसे है मोह माया में, बिठा लो चरण छाया में,
शरण तेरी जो आ जाए, कमल गुलज़ार हो जाए || ||
मेरे गुरु देव की मुझ पर कृपा एक बार हो जाये,
लगा लू रज मे चरणों की मेरा उद्धार हो जाये ||
मेरे गुरुदेव की मुझ पर कृपा एक बार हो जाये एक बार हो जाये,
लगा लू रज मे चरणों की मेरा उद्धार हो जाये ||
4. गुरुवर के चरणों में
यह भजन “गुरुवर के चरणों में” गुरु के प्रति गहरी श्रद्धा और समर्पण का भावपूर्ण चित्रण करता है। इसमें गुरु को जीवन के सभी पहलुओं में सर्वोच्च माना गया है और उनके चरणों में प्रणाम करके आत्मिक उद्धार की कामना की गई है।
गुरुवर के चरणों में, मेरा है प्रणाम,
आठों याम जपूँ मैं,
गुरूजी को नाम,
गुरुवर के चरणो में,
मेरा है प्रणाम ||
गुरुवर के चरणों में, मेरा है प्रणाम,
आठों याम जपूँ मैं,
गुरूजी को नाम,
गुरुवर के चरणो में,
मेरा है प्रणाम ||
मैं हूँ दीन तो सतगुरु दयालु,
किरपा है करते बनके कृपालु,
गुरुवर की सेवा ही,
सबसे है ऊँचा काम,
गुरुवर के चरणो में,
मेरा है प्रणाम ||
सतगुरु में देखूं मथुरा और काशी,
आत्मा मेरी है सतगुरु की दासी,
गुरु में ही देखे है,
मैंने शिव और राम,
गुरुवर के चरणो में,
मेरा है प्रणाम ||
नैनो में बसे गुरु जय हो जय हो,
दिल कहूं गुरु जय हो जय हो,
गुरु के बिना नहीं,
जग में कही आराम,
गुरुवर के चरणो में,
मेरा है प्रणाम ||
कमल कपिल पूरी संत सयाने,
भक्तों के रहते है बनके मुहाने,
गुरुवर के चरणो में,
मेरा है प्रणाम,
गुरुवर के चरणो में,
मेरा है प्रणाम ||
गुरुवर के चरणों में, मेरा है प्रणाम,
आठों याम जपूँ मैं,
गुरूजी को नाम,
गुरुवर के चरणो में,
मेरा है प्रणाम ||
गुरुवर के चरणों में, मेरा है प्रणाम,
आठों याम जपूँ मैं,
गुरूजी को नाम,
गुरुवर के चरणो में,
मेरा है प्रणाम ||
गुरु पूर्णिमा की शुभकामनाएं
गुरु पूर्णिमा की हार्दिक शुभकामनाएं! 🙏
आशा है यह दिन आपके जीवन में ज्ञान, मार्गदर्शन और आत्म-ज्ञान से भरपूर हो।
आपके गुरुओं का आशीर्वाद हमेशा आपके साथ रहे!
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