हनुमान जी की तीनों पत्नियों के नाम:- ये बात तो सभी जानते हैं कि हनुमान जी जीवन भर ब्रह्मचारी रहे। लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि ब्रह्मचारी होने के बावजूद उन्हें तीन बार शादी करनी पड़ी थी। प्राचीन कथाओं के अनुसार उन्होंने तीन शादियाँ की थीं। इनमें से एक कहानी के प्रमाण के तौर पर आंध्र प्रदेश के एक मंदिर में हनुमानजी और उनकी पत्नी की मूर्ति है। इस लेख में हम आपको बताएंगे हनुमान जी की तीन पत्नियों के नाम (Hanuman Ji Ki Tino Patniyon Ke Naam) की कहानियों के बारे में बताएंगे। किन कर्मों के कारण हनुमान जी को करना पड़ा यह विवाह।
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हनुमान जी की तीनों पत्नियों के नाम | Hanuman Ji Ki Tino Patniyon Ke Naam
सुर्वचला से विवाह
पराशर संहिता में सूर्य देव की पुत्री सुर्वचला का उल्लेख हनुमानजी की पहली पत्नी के रूप में किया गया है। हिन्दू धर्मग्रंथों के अनुसार हनुमान जी सूर्यदेव के शिष्य थे। सूर्यदेव को उन्हें विभिन्न विधाओं का ज्ञान देना पड़ा। इनमें से पांच विधाएं सीखने के बाद एक अजीब समस्या खड़ी हो गई। बाकी चार वीडियो को सीखने के लिए शादीशुदा होना अनिवार्य था। सूर्यदेव ने हनुमान जी का विवाह अपनी पुत्री सुर्वचला से कराया। सुर्वचला सदैव तपस्या में लीन रहती थी। हनुमानजी से विवाह करने के बाद सुर्वचला हमेशा के लिए तपस्या में लीन हो गईं।
पउमचरित के अनुसार रावण और वरुण देव के बीच में जब युद्ध हो रहा था तो वरुण देव की ओर से हनुमान जी ने भी रावण से युद्ध लड़ा और उसके सभी पुत्रों को बंदी बना लिया था। युद्ध में हारने के बाद रावण ने अपनी बेटी Anangakusuma का विवाह हनुमान से कर दिया था।
सत्यवती से विवाह
जब रावण और वरुण देव के बीच युद्ध हुआ तो उनके प्रतिनिधि के रूप में हनुमान जी ने वरुण देव को विजय दिलाई। इससे प्रसन्न होकर वरुण देव ने अपनी पुत्री सत्यवती से हनुमान जी का विवाह कर दिया। हनुमान जी के इन विवाहों का उल्लेख हिंदू धर्मग्रंथों में मिलता है लेकिन यह भी कहा जाता है कि हनुमान जी ने कभी वैवाहिक जीवन नहीं बिताया और वे जीवनभर ब्रह्मचारी रहे।
इन विभिन्न परिस्थितियों के कारण हनुमान जी को तीन बार विवाह करना पड़ा, लेकिन विवाह के बाद आजीवन ब्रह्मचर्य का पालन करने के कारण हनुमान जी को बाल ब्रह्मचारी कहा गया।
IIजय श्री राम II
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