हनुमान जी को बुलाने का मंत्र (Hanuman Ji Ko Bulane Ka Mantra) के बारे में हनुमान जी का जन्म भगवान श्री राम की सहायता के लिए हुआ था. और वे भगवान भोलेनाथ के अवतार थे. हनुमान जी माता जानकी के बुहत प्रिय थे. लोकमान्यता के अनुसार हनुमान जी त्रेता युग के अंतिम चरण में चेत्र पूर्णिमा को मंगलवार के दिन उनका जन्म हुआ था और वह झारखंड राज्य के गुमला जिले केअंजन नाम के एक गांव में हुआ था.
आपको बता दे की Hanuman Ji को चिरंजीवी होने का वरदान है. वह आज भी हिमालय के जंगलो में रहते हैं हिंदू ग्रंथ के अनुसार ऐसा माना जाता है. कि वह समय-समय पर अपने भक्तों की सहायता करते हैं. मंत्रो के अंदर इतनी शक्ति होती है कि आप हनुमान जी को आसानी से महसूस कर सकते हैं. इस लेख में आपको बताएंगे कि हनुमान जी को कैसे प्रकट किया जा सकता है. अंत तक इस लेख पर बने रहिए तो आईए जानते हैं.
Table of Contents
हनुमान जी को बुलाने का मंत्र | Hanuman Ji Ko Bulane Ka Mantra
हनुमान जी को चिरंजीव होने का वरदान प्राप्त है ऐसा माना जाता है कि वह आज भी इस संसार में जीवित है हिमालय के जंगलों में आज भी वह रहते हैं. जो लोग यह भी मानते हैं कि अपने भक्तों की सहायता के लिए वह जरूर आते हैं लेकिन किसी को आंख से दिखाई नहीं देते लेकिन क्या आप जानते हैं कि एक ऐसा मंत्र है. जिसको जपने से हम बजरंगबली के दर्शन कर सकते हैं .
कालतंतु कारेचरन्ति एनर मरिष्णु,निर्मुक्तेर कालेत्वम अमरिष्णु
यह वही मंत्र है जिसका जाप करने से हनुमान जी के दर्शन होते हैं. इस मंत्र के जाप से ही हनुमान जी दर्शन नहीं देंगे तो करना क्या है आईए जानते हैं यह मंत्र तभी काम करता है. जब आप इन दो नियमों का पालन करते हैं.
- जातक को अपनी आत्मा में हनुमान जी के साथ संबंध का पता होना चाहिए तभी यह मंत्र सिद्ध होता है मतलब आप निस्वार्थ भाव से इस मंत्र का जाप कर रहे. हैं तो आपको हनुमान जी के होने का एहसास होगा .
- जब भी इस मंत्र का जाप किया जाए तो उस जगह के 980 मीटर के क्षेत्र में कोई भी मनुष्य नहीं होना चाहिए .
हनुमान मंत्र के फायदे | Hanuman Mantra Ke Fayde
कलयुग के सभी कष्टों का निवारण करने में हनुमान जी सर्वश्रेष्ठ देव है. दिव्य हनुमान मंत्र के जाप से इच्छित लाभ पाने के लिए कुछ बातों का ज्ञान भी रखना अति आवश्यक है जो हम आपको इस लेख में बता रहे हैं Hanuman Mantra का जाप करने से हनुमान प्रसन्न होते हैं और अपने परिवार पर उनके असीम कृपा बनी रहती है हनुमान मंत्र का रोजाना विधिवत तरीके से जाप करना चाहिए. ऐसा करने पर भी सभी प्रकार के दुख दर्द से छुटकारा मिलता है. हनुमान मंत्र का रोजाना जाप करने से हनुमान अपनी सभी मनोकामनाएं पूर्ण की जा सकती हैं.
- हनुमान मंत्र से जीवन की विघ्न बाधा दूर कर सफलता प्राप्ति के लिए समर्थ वर्दी के लिए और अच्छे उद्देश्य से किए जाने वाले सभी कार्य को मंत्र का जाप करके सिद्ध किया जा सकता है.
- भूत प्रेत और बुरी आत्माओं का असर और जीवन के कष्टो बाधाओ का निराकरण किया जा सकता है.
- Hanuman Mantra के नियमित जाप से ऐसी अद्भुत ऊर्जा उत्पन्न होती है जो की संकटो की रक्षा प्रदान करता है मंत्रो के जाप से साहस और ज्ञान में वृद्धि कर आपको सफल बनाता है.
- दुष्ट आत्माओं के भाई से मुक्ति पाने के लिए और शक्ति प्राप्ति हेतु हनुमान मंत्र का जाप करना फलदार होता है नकारात्मकता चाहे ग्रह क्लेश से हो या नौकरी व्यवसाय से हो पढ़ाई या जीवन में असफलता से उत्पन्न हुई हो सभी का निराकरण हनुमान मंत्र के जब से प्रभावित है.
- Hanuman Mantra जाप करने से हनुमान जी की दया दृष्टि आशीर्वाद और अनुग्रह प्राप्त होता है.
- स्वयं की रक्षा और इच्छा लाभ की प्राप्ति हेतु हनुमान मंत्र का जाप करना चाहिए.
- धन समृद्धि और संपत्ति की प्राप्ति के लिए हनुमान मंत्र का नित्य जाप करना चाहिए.
- गंभीर से गंभीर सकंटो और शत्रु से मुक्ति पाने के लिए अपने आसपास और जीवन की नकारात्मक शक्तियों को दूर करने के लिए हनुमान मंत्र का नित्य दिन जाप करना चाहिए.
- जिस घर में हनुमान मंत्र का नियमित जाप होता है वहां धन वैभव का आगमन बना रहता है.
हनुमान मंत्र जाप करने की विधि | Hanuman Mantra Jaap Vidhi
- सुबह जल्दी उठकर घर की सफाई करें गंगा जलीय गोमूत्र के छिड़काव करें फिर नहाकर स्वच्छ कपड़े पहनें।
- घर के पूजा स्थान पर हनुमान जी सहित श्री राम सीता की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें व्रत रखने का संकल्प ले और पूजा करें
- श्री राम और माता सीता की पूजा के बाद हनुमान जी की पूजा करें Hanuman Ji को चमेली के तेल में सिंदूर मिलाकर चोला चढ़ाएं।
- जल और पंचामृत से देवी देवताओं को स्नान कराये अबीर, गुलाल चंदन, अक्षत मोलीपुर, धूप दीप वस्त्र फल पान और अन्य चीज चढ़ाए।
- लाल रंग की पट्टी का प्रयोग करें और सरसों के तेल का दिया जलाए सुंदरकांड या हनुमान चालीसा का पाठ करें आरती के बाद प्रसाद बांट दे।
पौराणिक ग्रंथो केअनुसार हनुमान जी ने यह मंत्र कीदर पर्वत के जंगलों में रहने वाले कुछ आदिवासियों को दिया था. उस समय भी पर्वत पर रहने वाले मतंग आदिवासियों ने हनुमान जी की बहुत सेवा की थी.