हनुमान जी के भजन कीर्तन: भगवान के मंदिर या अन्य कही भी आप भजन होते देखते सुनते यह जरूर सोचते होंगे कि आखिर भजन क्यूं किए जाते है विशेषकर हनुमान जी के । तो हम आपको हनुमान जी के भजन लिखित में बता कर समझते है। माना जाता कि भजन, कीर्तन या आरती के दौरान ताली बजाने के माध्यम से भक्त भगवान को अपने कष्टों को सुनने के लिए पुकारते हैं। ऐसा करने से भगवान का ध्यान भक्तों की तरफ जाता है। हनुमान जी के भजन -कीर्तन या आरती के दौरान ताली बजाने से सारे पाप नष्ट होते हैं और नकारात्मकता दूर होती है। आइए हम अब Hanuman Ji Ke Bhajan Likhit Me बताते है।
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हनुमान जी के भजन लिखित में | Hanuman Ji Ke Bhajan Likhit Me
भजन तो बहुत है लेकिन हनुमान जी के भजन लिखित में बताने की कोशिश करते है जिनमे हनुमान जी के कार्यों, बल – बुद्धि एवम चंचलता का वर्णन है। ऐसे भजन से हनुमान जी को अपनी भूली हुई शक्तियों का स्मरण होने से अपनी मनोकामना के कार्य शीघ्रता से होते है। आइए हम आपको Hanuman Ji Ke Bhajan Likhit Me बताते है।
hanumam ji ke Bhajan kirtan मन लगाकर किया जाये तो आत्मा की शुद्धि होती है जिस प्रकार नहाने से शरीर की शुध्दि और कपडे धोने से कपडे की सफाई फर्श पर झाड़ू पोंछा लगाने से फर्श की सफाई होती है और इन सभी की सफाई बहुत जरुरी होती है यह हम सभी जानते है तो फिर अंतर्मन की शुद्धि भी आवश्यक होगी इसलिए समझदार व्यक्ति आत्मा की शुद्धि के लिए भजन, कीर्तन एवम सत्संग करते है।
हनुमान जी के नए भजन | Hanuman Ji New Bhajan 2024-25
- ओ लाल लंगोटे वाले प्रभु तेरे रूप निराले
2. म्हारो बेड़ो पार लगा दीजो सालासर महाराज
3. घुमा दे म्हारा बालाजी घम्मर घम्मर घोटो
4. उड़े उड़े बजरंगबली जब उड़े उड़े
5. नाचे वीर हनुमान माँ के मंदिर में
आ लौट के आजा हनुमान तुम्हे श्री राम बुलाते है
आ लौट के आजा हनुमान
तुम्हे श्री राम बुलाते है
लक्ष्मण के बचा ले तू प्राण
तुम्हे श्री राम बुलाते है
आ लौट के आजा हनुमान
तुम्हे श्री राम बुलाते है।
गए पवन सूत लाने संजीवन
अब तक क्यों नही आये
सेनापति सुग्रीव पुकारे
नर बानर घबराये
सब लोग भये सुनसान
तुम्हे श्री राम बुलाते है
आ लौट के आजा हनुमान
तुम्हे श्री राम बुलाते है।
कभी तडपते कभी बिलखते
जीभर के प्रभु रोते
आये लखन तुम
अपनी माँ के हो इकलौते बेटे
यु रुदन करत है महान
तुम्हे श्री राम बुलाते है
आ लौट के आजा हनुमान
तुम्हे श्री राम बुलाते है।
बीत गयी सब रैन
घडी रही ना एक पल भी बाकि
देख देख के राह तुम्हारी
बैरन अंखिया तांकि
कहि उदय ना हो जाये घात
तुम्हे श्री राम बुलाते है
आ लौट के आजा हनुमान
तुम्हे श्री राम बुलाते है।
रात समय हनुमान संजीवन
ले सेना में आये झूमर लाली
धन्य बजरंगी लक्ष्मण प्राण बचाए
तब जाग उठे बलवान
तुम्हे श्री राम बुलाते है
आ लौट के आजा हनुमान
तुम्हे श्री राम बुलाते है।
आ लौट के आजा हनुमान
तुम्हे श्री राम बुलाते है
लक्ष्मण के बचा ले तू प्राण
तुम्हे श्री राम बुलाते है
आ लौट के आजा हनुमान
तुम्हे श्री राम बुलाते है।
म्हारो बेड़ो पार लगा दीजो सालासर महाराज
म्हारो बेड़ो पार लगा दीजो सालासर महाराज,
सालासर महाराज,
म्हारा मेहंदीपुर महाराज,
भटक्या ने, भटक्या ने,
भटक्या ने राह दिखा दिजो,
सालासर महाराज ||
म्हारी नाव भवर में अटकी,
म्हारी लाज रखो थे अबकी,
अटकी ने, अटकी ने,
अटकी ने पार लगा दिजो,
सालासर महाराज,
सालासर महाराज,
म्हारा मेहंदीपुर महाराज,
भटक्या ने, भटक्या ने,
भटक्या ने राह दिखा दिजो,
सालासर महाराज ||
है एक आसरो थारो,
नही और कोई है म्हारो,
विपदा में, विपदा में,
साथ निभा दीज्यो,
सालासर महाराज,
सालासर महाराज,
म्हारा मेहंदीपुर महाराज,
भटक्या ने, भटक्या ने,
भटक्या ने राह दिखा दिजो,
सालासर महाराज ||
प्रभु इतना नही विचारो,
गलती थे मेरी सुधारो,
बीती ने, बीती ने,
बीती बाता ने भुला दीज्यो,
सालासर महाराज,
सालासर महाराज,
म्हारा मेहंदीपुर महाराज,
भटक्या ने, भटक्या ने,
भटक्या ने राह दिखा दिजो,
सालासर महाराज ||
घर घर में चर्चा भारी,
है दिन दुखी हितकारी,
इस बालक, इस बालक ने,
इश्स बालक ने अपना लीजो,
सालासर महाराज,
सालासर महाराज,
म्हारा मेहंदीपुर महाराज,
भटक्या ने, भटक्या ने,
भटक्या ने राह दिखा दिजो,
सालासर महाराज ||
म्हारो बेड़ो पार लगा दीजो सालासर महाराज,
सालासर महाराज,
म्हारा मेहंदीपुर महाराज,
भटक्या ने, भटक्या ने,
भटक्या ने राह दिखा दिजो,
सालासर महाराज ||
नाचे वीर हनुमान माँ के मंदिर में
नाचे वीर हनुमान माँ के मंदिर में,
देवे आशीष भगवान् माँ के मंदिर में,
माता जानकी भी लेवे बालियां,
भक्त चढ़ावे देखो नारियल रुपैयाँ,
अंजनी देवे वरदान माँ के मंदिर में,
नाचे वीर हनुमान माँ के मंदिर में
लाल लंगोटा पहने लाल चुनरियाँ,
होके मगन देखो नाचे लांगुरियां,
देवता हॉवे मेहरबान,माँ के मंदिर में,
नाचे वीर हनुमान माँ के मंदिर में
रिद्धि सीढियाँ ढोलक भजावे,
ताली बजावे हनुमान को नचावे,
मस्त मस्लंग दरबार माँ के मंदिर में,
नाचे वीर हनुमान माँ के मंदिर में
माथे के ऊपर लागे तिलक सुहाना,
वैरागी प्यारी लागे वीर हनुमाना,
भक्तो का करे कल्याण माँ के मंदिर में,
नाचे वीर हनुमान माँ के मंदिर में
FAQ
Qu. हनुमान का असली रूप क्या है?
Ans हनुमान राजा केसरी और देवी अंजना के छ: पुत्रों में सबसे बड़े पुत्र हैं। इन्हें बजरंगबली के रूप में जाना जाता है क्योंकि इनका शरीर एक वज्र की तरह है। वे पवन-पुत्र के रूप में जाने जाते हैं। वायु अथवा पवन (हवा के देवता) ने हनुमान को पालने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
Qu. कलयुग में अभी हनुमान कहां हैं?
Ans. हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, हनुमान जी के पास अमरता का वरदान है। एक दिव्य प्राणी और भगवान शिव की दिव्य ऊर्जा के अवतार के रूप में, यह कहा गया है कि हनुमान कलियुग में समय और मृत्यु की सीमाओं को पार करते हुए गंधमादन पर्वत पर निवास करेंगे।