जगन्नाथ पुरी के 25 रहस्य: ओडिशा में स्थित जगन्नाथ पुरी, हिन्दुओं के लिए एक पवित्र तीर्थस्थल है। भगवान जगन्नाथ का भव्य मंदिर अपने रहस्यों, आध्यात्मिकता और वार्षिक रथयात्रा के लिए प्रसिद्ध है। आइये, इस स्थान के बारे में 25 रोचक तथ्यों का अन्वेषण करें, जो आपको इस पवित्र धाम के बारे में और ज्यादा जानने के लिए प्रोत्साहित करेंगे।
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जगन्नाथ पुरी के 25 रहस्य | jagannath Puri Ka 25 Rahasya
ओडिशा में स्थित जगन्नाथ पुरी, हिन्दुओं के लिए एक पवित्र तीर्थस्थल है, जो अपनी आध्यात्मिकता और रहस्यों के लिए प्रसिद्ध है। भगवान जगन्नाथ का भव्य मंदिर एक ऐसा स्थान है, जहाँ इतिहास, धर्म और संस्कृति एक साथ मिलते हैं। आइये, इस स्थान के बारे में 25 रोचक तथ्यों का अन्वेषण करें, जो इस पवित्र धाम की गहराई और विशिष्टता को प्रकाशित करते हैं।
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1. मंदिर का प्राचीन इतिहास: इस मंदिर का निर्माण सतयुग के राजा इंद्रद्युम ने कराया था। माना जाता है कि यह मंदिर कई बार टूटा और फिर से बना। वर्तमान मंदिर का निर्माण 7वीं सदी में हुआ था, हालाँकि इसके प्राचीनतम प्रमाण महाभारत के वनपर्व में मिलते हैं।
2. नीलमाधव का अवतार: ब्रह्म और स्कंद पुराण के अनुसार यहाँ भगवान विष्णु पुरुषोत्तम नीलमाधव के रूप में अवतरित हुए थे। यह स्थान सबर जनजाति के लिए पवित्र है।
3. श्रीराम के रूप में पूजा: यहाँ पुरुषोत्तम हरि को भगवान राम का रूप माना जाता है। रामायण के अनुसार भगवान राम ने अपने भाई विभीषण को भगवान जगन्नाथ की आराधना करने को कहा था, जो आज भी एक परंपरा है।
4. श्रीकृष्ण का अवतार: बाद में, नीलमाधव को श्रीहरि विष्णु के 8वें अवतार, श्रीकृष्ण के रूप में पूजा जाने लगा। उनके बड़े भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा को भी यहाँ पूजा जाता है।
5. शंख की आकृति: स्कंद पुराण के अनुसार पुरी एक दक्षिणवर्ती शंख की तरह है, जिसका क्षेत्र 16 किलोमीटर तक फैला हुआ है। यह क्षेत्र समुद्र द्वारा घिरा हुआ है।
6. अधूरी मूर्तियां: यह एकमात्र ऐसा मंदिर है जहाँ श्रीकृष्ण, बलराम और सुभद्रा की अधूरी मूर्तियां विराजमान हैं, और वह भी लकड़ी की। हर वर्ष ये मूर्तियाँ बदल दी जाती हैं।
7. हवा के विपरीत लहराता ध्वज: मंदिर के ऊपर स्थापित लाल ध्वज हमेशा हवा के विपरीत दिशा में लहराता है। इस घटना के पीछे का कारण आज भी रहस्य है।
8. छायाहीन मंदिर: मंदिर के मुख्य गुंबद की छाया दिन के किसी भी समय नहीं बनती।
9. भारत का सबसे भव्य मंदिर: यह भारत का सबसे भव्य और ऊंचा मंदिर है, जो 4 लाख वर्गफुट में फैला हुआ है।
10. चमत्कारिक सुदर्शन चक्र: मंदिर के शीर्ष पर स्थित सुदर्शन चक्र को नीलचक्र भी कहा जाता है। यह अष्टधातु से निर्मित है और अति पवित्र माना जाता है।
11. हवा की अनोखी दिशा: पुरी में हवा की दिशा सामान्य तटों से विपरीत होती है।
12. पक्षियों का अनुपस्थिति: मंदिर के ऊपर से कोई भी पक्षी नहीं उड़ता है। इस बारे में कई मान्यताएं हैं।
13. दुनिया का सबसे बड़ा रसोईघर: मंदिर में प्रतिदिन 20,000 लोगों के लिए प्रसाद बनाया जाता है, और त्योहारों पर यह संख्या 50,000 तक पहुँच जाती है।
14. चावल का चमत्कार: मंदिर की रसोई में प्रसाद पकाने के लिए 7 बर्तन एक-दूसरे पर रखे जाते हैं, और सबसे ऊपर वाला बर्तन पहले पकता है।
15. समुद्र की ध्वनि का रहस्य: मंदिर के भीतर से समुद्र की ध्वनि नहीं सुनाई देती, लेकिन बाहर निकलते ही यह ध्वनि स्पष्ट रूप से सुनाई देती है।
16. दुर्गंध का रहस्य: मंदिर के बाहर स्वर्ग द्वार है, जहाँ शव जलाए जाते हैं, लेकिन मंदिर के भीतर इसकी दुर्गंध नहीं आती।
17. रूप बदलती मूर्तियां: हर 12 साल में एक बार मंदिर की मूर्तियाँ बदल दी जाती हैं, लेकिन उनका आकार और रूप वही रहता है।
18. रथ यात्रा: विश्व की सबसे बड़ी रथयात्रा: भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा एक भव्य उत्सव है, जिसमें हज़ारों लोग शामिल होते हैं।
19. हनुमानजी की रक्षा: हनुमानजी को समुद्र को नियंत्रित करने के लिए यहाँ नियुक्त किया गया था।
20. हनुमानजी और समुद्र की ध्वनि: हनुमानजी ने अपनी शक्ति से समुद्र की आवाज़ को मंदिर के भीतर जाने से रोका था।
21. पांडवों का दर्शन: पांडवों ने अपने अज्ञातवास के दौरान यहाँ भगवान जगन्नाथ के दर्शन किए थे।
22. स्वर्ण दान: महाराजा रणजीत सिंह ने इस मंदिर को प्रचुर मात्रा में स्वर्ण दान किया था।
23. ईसा मसीह का दर्शन: कुछ मान्यताओं के अनुसार ईसा मसीह ने भी यहाँ भगवान जगन्नाथ के दर्शन किए थे।
24. गैर-हिन्दू प्रवेश प्रतिबंध: इस मंदिर में गैर-हिन्दू धर्म के लोगों का प्रवेश प्रतिबंधित है।
25. मंदिर के रहस्य: यह स्थान कई रहस्यों से घिरा हुआ है, जिनमें प्राचीन ग्रंथ, खजाने और विभिन्न आध्यात्मिक कथाएं शामिल हैं।
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