कलयुग कब शुरू हुआ और कब खत्म होगा :- Kalyug की शुरुआत में भगवान विष्णु के दसवें अंश यानि भगवान कृष्ण के अवतार का जन्म हुआ। यह भगवान के अवतार के अंत का समय था और उनके जीवन के अंत के साथ ही Kalyug की प्रारंभिक घटनाएं शुरू हुईं। Kalyug में मनुष्यों का वर्ग कमजोर हो गया था, अधर्म और अन्याय का बोलबाला बढ़ गया था। यह एक अभिशाप की तरह है, जिसने मानव समाज को अछूता छोड़ दिया है। धर्म की हानि, ईमानदारी की कमी और अधर्म की प्रेरणा के कारण Kalyug को आत्मसात युग के रूप में जाना जाता है।
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कलयुग कब शुरू हुआ और कब खत्म होगा | Kalyug Kab Shuru Hua Aur Kab Khatam Hoga
पुराणों के अनुसार Kalyug के अंत में भगवान विष्णु का कल्कि अवतार होने की भविष्यवाणी की गई है, जिन्हें सफेद घोड़े पर सवार दिखाया गया है। Kalyug का आरंभ 3102 ईसा पूर्व में माना जाता है जब पांच ग्रह मेष राशि पर 0 डिग्री पर आए थे। आधुनिक समय की गणना पर नजर डालें तो अब तक Kalyug के 5124 वर्ष बीत चुके हैं। अत: 432,000 में से 5124 वर्ष घटाने पर Kalyug की शेष अवधि 4,26,876 वर्ष होती है। अब से जनमानस में कल्कि अवतार की पूजा, आरती और प्रार्थना होने लगी, जो इस युग के अंत का संकेत देती है।
Kalyug में धर्म का लोप हो जाता है और बुराइयां बढ़ जाती हैं। यहां पृथ्वी पर केवल मनुष्य ही श्रेष्ठ हैं और उनके अलावा कोई अन्य प्राणी नहीं है। देवता, राक्षस, यक्ष, गंधर्व आदि पृथ्वी पर नहीं रहते, बल्कि मनुष्य अपने कर्मों के अनुसार अपने स्थानों पर पहुंचते हैं। इसलिए, जब कोई व्यक्ति अच्छे कर्म करता है और जीवन को उज्ज्वल बनाता है, तो उसे देवता कहा जाता है, जबकि जो व्यक्ति बुराई करता है और अहंकारी होता है, उसे राक्षस कहा जाता है। जनमानस में बुरे लोगों की तुलना रावण और कंस जैसे राक्षसों से की जाती है, जो कठोर और पापी होते हैं।
कलयुग कितने वर्ष का है | Kalyug Kitne Varsh Ka Hai
संत अमोघ लीला दास के अनुसार Kalyug का आरंभ 28 फरवरी 3120 ईसा पूर्व हुआ था। इसके अनुसार अब तक Kalyug के लगभग 5,143 वर्ष बीत चुके हैं। अत: 4 लाख 26 हजार 857 वर्ष और शेष हैं। इस मत के अनुसार हम अभी Kalyug के आधे काल तक भी नहीं पहुँच पाये हैं। यह युग अभी काफी समय तक चलेगा, जिसमें हमें धर्म और अधर्म का युद्ध देखने को मिलेगा।
कलयुग कब खत्म होगा | Kalyug Kab Khatm Hoga
Kalyug का कोई निश्चित अंत नहीं है, लेकिन ब्रह्मवैवर्त पुराण में Kalyug के अंत का वर्णन मिलता है। इसमें यह स्पष्ट किया गया है कि Kalyug में मनुष्यों की आयु बहुत कम होगी और उनका स्वास्थ्य भी बिगड़ जाएगा। बच्चे होते ही लोग बूढ़े हो जायेंगे। युवाओं की कमी रहेगी. भगवान नारायण ने नारद से कहा कि Kalyug में एक समय ऐसा आएगा जब सभी लोग बुरी आदतों के गुलाम बन जाएंगे और पाप का विस्तार होगा। इसके साथ ही Kalyug के अंत में गंगा नदी सूख जाएगी और देवी-देवता पृथ्वी छोड़कर अपने लोक लौट जाएंगे। इससे पृथ्वी पर अन्न उत्पादन बंद हो जायेगा और पृथ्वी जलमग्न हो जायेगी।
कलयुग की 10 बातें | Kalyug Ki 10 Baten
हिंदू धर्मग्रंथों के अनुसार Kalyug में कई असाधारण परिवर्तन होंगे। लोग धर्म का पालन नहीं करेंगे और धार्मिक पुस्तकों का महत्व भी कम हो जाएगा। केवल अमीर लोगों को ही समाज में सम्मान मिलेगा और विवाह में पवित्रता का महत्व कम हो जाएगा। लोग पाखंडी हो जायेंगे और अपने वरिष्ठों के प्रति सम्मान खो देंगे। चिंता का स्तर बढ़ेगा और पर्यावरण भी प्रभावित होगा।
अपराध बढ़ेंगे और मनुष्य की आयु भी कम हो जायेगी। समाज में धूर्तों और झूठों की पूजा की जाएगी और गलतियों से बीमारियाँ फैलेंगी जो लाखों लोगों के जीवन को प्रभावित करेंगी। इसके अतिरिक्त, मनुष्य को अपने कर्मों के अनुसार प्रतिशोध भुगतना पड़ेगा और प्राकृतिक आपदाओं का सामना करना पड़ेगा। कुल मिलाकर Kalyug में धान का आकार छोटा हो जाएगा और सब्जियों व फलों में रस की कमी हो जाएगी।
कलयुग के बाद कौन सा युग आएगा | Kalyug Ke Baad Kaun Sa Yug Aayega
Kalyug के अंत के बाद पृथ्वी पर भुखमरी, बीमारियाँ, अत्यधिक गर्मी और ठंड, तूफान और बर्फबारी और बाढ़ की चरम स्थितियाँ होंगी। इसके बाद दुनिया का अंत आ जायेगा. इसके बाद Kalyug की समाप्ति के बाद एक नया युग आएगा जिसे सत्ययुग के नाम से जाना जाएगा। इस सत्ययुग में धर्म की विजय होगी और यह मानवता की सामूहिक प्रगति और शांति का आधार बनेगा। यह एक नई शुरुआत होगी, जहां सभी लोग धार्मिकता, सादगी और समर्पण की भावना से रहेंगे।