कलयुग की 10 बातें: कितना होगा धर्म, पाप और विनाश जानें

कलयुग की 10 बातें:- सनातन धर्म में युगों को चार भागों में बांटा गया है जो इस प्रकार है सतयुग, त्रेतायुग, द्वापरयुग और कलयुग है । इस समय कलयुग चल रहा है जो युगों का अंतिम चरण है। Kalyug से पहले तीन युग बीत चुके हैं जिसमें पहला युग सतयुग था। इस युग में भगवान विष्णु ने मत्स्य और नर्सिंग के रूप में अवतार लिया। इसके बाद त्रेतायुग प्रारंभ हुआ जिसमें भगवान विष्णु ने श्री राम के रूप में जन्म लिया।

वह तीसरे युग द्वापरयुग में भगवान विष्णु ने श्री कृष्ण के रूप में जन्म लिया और चौथे युग कलयुग में भगवान विष्णु कल्कि के रूप में जन्म लेंगे। हिंदू धर्म ज्योतिष और पौराणिकांतों के अनुसार Kalyug के बारे में कई बातें लिखी गई है जिनमें से आज हम आपको बताएंगे कि कलयुग की 10 बातें (Kalyug Ki 10 Bate) कौन सी है तो आईए जानते हैं । 

कलयुग कितना बाकी है | Kalyug Kitna Baki Hai

पुराणों के अनुसार भगवान विष्णु कलियुग के अंतिम चरण में कल्कि रूप में अवतार लेंगे। वह सफेद घोड़े पर सवार होकर अधर्म का नाश कर धर्म की स्थापना करेंगे। हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, कलियुग की शुरुआत हो चुकी है और अभी कुछ हजार साल ही बीते हैं, जबकि इस युग की कुल अवधि 432,000 साल है। अब तक 5124 वर्ष बीत चुके हैं और अभी भी 426876 वर्ष शेष हैं। यह कलियुग का पहला चरण ही है, जिसमें धर्म की स्थापना से पहले ही धर्म का संकट बढ़ जाएगा और अधर्म बढ़ जाएगा।

कलयुग की 10 बातें | Kalyug Ki 10 Bate

  1. कलयुग में मनुष्य धर्म का पालन नहीं करेगा और धार्मिक पुस्तकों का आदर भी नहीं करेगा। उसका आचरण नष्ट हो जाएगा। और वह वेदों की पालन नहीं करेगा सभी मनुष्यों में धर्म सत्यता की कमी हो जाएगी। 
  2. Kalyug में केवल अमीर व्यक्तियों को ही सम्मान मिलेगा। और वह दुनिया में सर्वश्रेष्ठ व्यक्ति माना जाएगा।अमीर व्यक्तियों के नियंत्रण में सब कुछ सक्षम रहेगा। 
  3. इस युग में विवाह में कोई पवित्रता का महत्व नहीं रहेगा। यह एक समझौता बनकर रह जाएगा और व्यक्ति अपने जीवनसाथी को धोखा देगा। वह मतलब के लिए हर किसी के साथ जुड़ जाएगा। 
  4. कलयुग में मानव झूठ बोलने लगेगा और वह पाखंडी, चालबाज बन जाएगा और अपने से बड़े लोगों का सम्मान नहीं करेगा। बल्कि उनसे ऊंची आवाज में बोलने लगेगा। 
  5. इस युग में ब्राह्मण भी केवल नाम मात्र रह जाएंगे। वह केवल धन कमाने के लक्ष्य को लेकर अपनी जिंदगी व्यतीत करेंगे और उनमें छल की भावना उत्पन्न हो जाएगी। 
  6. लोग मंदिरों में दर्शन करना पसंद नहीं करेंगे और वह धर्म का नाश करेंगे। वह धार्मिक स्थान पर जाना बंद कर देंगे और प्रकृति को हानी पहुंचाएंगे। 
  7. लोगों में चिंता का स्तर बहुत ज्यादा बढ़ जाएगा। जिसके कारण उन्हें कई प्रकार की मानसिक बीमारियों का शिकार होना पड़ेगा और धीरे-धीरे व्यक्ति की उम्र कम होने लगेगी। 
  8. Kalyug में व्यक्तियों के कारण पर्यावरण पर असर पड़ेगा। उसके कारण समय पर बारिश नहीं होना। इस काल मे समय पर बारिश नही होना। गर्मी ज्यादा स्तर पर बढ़ाना। जिसके कारण सभी फैसले नष्ट हो जाएगी।
  9. इस युग में अपराध बहुत ज्यादा बढ़ जाएंगे। लोग सत्ता पाने के लिए एक दूसरे को नष्ट करने लगेंगे और वह सत्य के सहारे सब पर विजय प्राप्त करेंगे और वह संपत्ति के बंटवारे के लिए लड़ाई झगड़ा करेंगे। 
  10. कलयुग में वेदों के विलुप्त होने के कारण धर्म की वर्दी होने लगेगी और Kalyug का अंतिम समय आते-आते लोगों की औसत उम्र घटकर 20 साल रह जाएगी। 

कलयुग में श्राप क्यों नहीं लगता

रावण के द्वारा बताई गई तीन कलयुग की बातें

रावण दुनिया का सबसे अहंकारी राक्षस था। परंतु हिंदू ग्रंथो में Rawan को दुनिया का सबसे बड़ा ज्ञानी पंडित बताया गया है। इसका अनुमान इस बात से लगाया जा सकता है कि रावण ने करने से कुछ क्षण पहले Kalyug की से जुड़ी तीन बातों के बारे में बताया था। 

  1. अपने जीवन के अंदर जो भी शुभ कार्य है उसे जल्द से जल्द संपन्न कर लेना चाहिए और जो अशुभ कार्य है उसे जितना अधिक देरी हो उसे उतना ही टालना चाहिए नहीं तो उस व्यक्ति को अपने जीवन में पछताना पड़ेगा । 
  2. कलयुग में कभी भी शत्रु को खुद से छोटा नहीं समझना चाहिए। यह अहंकार की निशानी बताई गई है। रावण ने इस उदाहरण के द्वारा खुद को बताया है कि मैंने वानर सेना को छोटा समझा और यह मेरे जीवन की सबसे बड़ी गलती थी। 
  3. ज़िन्दगी में अपनी गुप्त बातें किसी भी व्यक्ति को नहीं बतानी चाहिए। वह आपके लिए भी प्रिय क्यों ना हो। रावण ने इस बात का उदाहरण देते हुए कहा था कि मैं अपने राज विभीषण को बताता हूं, लेकिन आज मैं विनाश के मुख पर खड़ा हूं।

कलयुग से बचने के उपाय | Kalyug Se Bachne Ke Upay

कलयुग, एक ऐसा युग जिसमें अधर्म का बोलबाला है, मानवता को अनेक चुनौतियों से जूझने के लिए मजबूर करता है। इस युग से बचने के लिए, प्राचीन ज्ञान हमें कुछ उपाय बताता है:

आध्यात्मिक मार्ग:

परमात्मा का स्मरण: परमात्मा का नाम जपना, भजन करना, और ध्यान करना, मन को शुद्ध करने और अधर्म से दूर रहने में मदद करता है।
सत्कर्म: ईमानदारी, दया, और करुणा से भरे कार्य करने से कर्मफल शुद्ध होता है और व्यक्ति कलयुग के नकारात्मक प्रभावों से बचता है।
धर्म का पालन: सत्य, अहिंसा, और सदाचार का पालन करके व्यक्ति अपने आचरण को पवित्र बनाता है और कलयुग के दुष्प्रभावों से मुक्ति पाता है।

मन की शुद्धि:

मोह, माया का त्याग: मोह, माया, छल-कपट, और ईर्ष्या जैसी भावनाओं को त्यागने से मन शांत और निर्मल होता है, जिससे व्यक्ति कलयुग के नकारात्मक प्रभावों से बच सकता है।
नाम संकीर्तन: परमात्मा के नाम का जाप करने से मन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और व्यक्ति कलयुग के दुष्प्रभावों से मुक्त होता है।

देवताओं की शरण:

देवताओं की पूजा: मां दुर्गा, भगवती गौरी, हनुमान जी, और गणेश जी जैसी देवताओं की पूजा करने से व्यक्ति को शक्ति, बुद्धि, और संरक्षण प्राप्त होता है, जिससे वह कलयुग की चुनौतियों का सामना कर सकता है।

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