केतु के उपाय लाल किताब:- ज्योतिष शास्त्र में Ketu को एक अनोखा ग्रह माना गया है। इसे खगोलीय ग्रहों की श्रेणी में नहीं रखा गया है, फिर भी इसका महत्व अत्यधिक है। केतु दोष का प्रभाव माना जाता है, जो मानव जीवन पर गहरा प्रभाव डाल सकता है। इसका मुख्य उद्देश्य अध्यात्म की ओर ले जाना है और यह सदैव मोक्ष की खोज में रहता है। Ketu का आध्यात्मिक दृष्टिकोण हमें सोचने पर मजबूर करता है और हमें हमारे स्वार्थों से परे दिशा में ले जाता है। इसीलिए Ketu को एक अनोखा ग्रह माना जाता है। इस लेख मे जानेंगे की Lal Kitab की अनुसार केतु ग्रह के उपाय क्या है।
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केतु के उपाय किस दिन करें | Ketu Ke Upay Kis Din Karen
हिंदू धर्म में भगवान श्री गणेश को Ketu का कारक माना जाता है इसलिए जो भी व्यक्ति Ketu के प्रभाव से परेशान है उसे श्री गणेश की पूजा करनी चाहिए। भगवान गणेश के प्रति श्रद्धा और भक्ति से Ketu के दुष्प्रभाव शांत होते हैं और व्यक्ति को इसके प्रभाव से मुक्ति मिलती है। इसी तरह Ketu के प्रकोप से परेशान व्यक्ति को शनिवार का व्रत करना चाहिए, जो उसकी आध्यात्मिक शांति और समृद्धि का मार्ग बताता है।
केतु के उपाय लाल किताब | Ketu Ke Upay Lal Kitab
हर ग्रह की तरह Ketu ग्रह का भी अपना विशेष महत्व है। इस दोष से प्रभावित होने पर व्यक्ति को अनेक संघर्षों का सामना करना पड़ सकता है। Ketu दोष से प्रभावित व्यक्ति के जीवन में विभिन्न समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। कहा जाता है कि Ketu का एक राशि से दूसरी राशि में परिवर्तन लगभग 18 महीने में होता है, जो व्यक्ति के जीवन में बदलाव ला सकता है। Ketu की महादशा भी 18 वर्ष तक चलती है, जो व्यक्ति के जीवन में महत्वपूर्ण भ्रम और परिवर्तन की अवधि का संकेत देती है।
- Ketu दोष से प्रभावित व्यक्ति को हर शनिवार व्रत रखने की सलाह दी जाती है और उन्हें कम से कम 18 शनिवार तक व्रत रखना चाहिए।
- केतु दोष को दूर करने के लिए ॐ स्त्रौं स्त्रौं स: केतवे नम: मंत्र का जाप करना चाहिए।
- केतु दोष होने पर शनिवार के व्रत के दिन एक लोटे में जल भरकर कुशा और दूर्वा रखकर पीपल के पेड़ की जड़ में चढ़ाने से लाभ मिलता है।
- शनिवार के दिन पीपल के पेड़ के नीचे घी का दीपक जलाने से भी Ketu दोष से राहत मिलती है।
- केतु दोष से मुक्ति के लिए कंबल, छाता, लोहा, उड़द, गर्म कपड़े, कस्तूरी, लहसुन आदि का दान करना चाहिए।
- Ketu दोष के निवारण के लिए लहसुनिया रत्न धारण किया जा सकता है अथवा केतु के उपरत्न, फ़िरोज़ा, संघ्या या गोडंत धारण किया जा सकता है।
- Ketu दोष से छुटकारा पाने के लिए व्यक्ति को अपने बच्चों के साथ प्यार और सम्मान से पेश आना चाहिए। भगवान गणेश की पूजा और कुत्ते की सेवा करना भी लाभकारी होता है।
केतु दान सामग्री | Ketu Daan Samagri
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार केतु ग्रह की शांति के लिए व्यक्ति को विभिन्न वस्तुओं का दान करना चाहिए। इनमें उड़द, गर्म कपड़े, लोहा, छाता, कंबल, कस्तूरी, लहसुन, तिल, तेल, हिरण की लीद, ऊन और अनाज शामिल हैं। इन चीजों का दान करने से Ketu ग्रह के दुष्प्रभाव को कम किया जा सकता है और व्यक्ति को इसके प्रभाव से मुक्ति मिल सकती है। इसके अलावा बड़े बकरे का दान भी Ketu के दुष्प्रभाव को कम करने में मदद कर सकता है।
केतु दोष निवारण मंत्र | Ketu Dosh Nivaran Mantra
केतु के बीज मंत्र “ॐ कें केतवे नमः” का प्रतिदिन 108 बार जाप करने से Ketu के प्रकोप से राहत मिलती है। इस मंत्र का नियमित जाप करने से Ketu के अशुभ प्रभावों से मुक्ति मिलती है और इसके शुभ फल व्यक्ति को भोगने पड़ते हैं। इसके अलावा Ketu के शुभ फल पाने के लिए लोगों को केतु के तांत्रिक मंत्र “ॐ स्त्रौं स्त्रौं स्त्रौं सः केतवे नमः” का जाप करना चाहिए। इस मंत्र का जाप कम से कम 18, 11 या 5 बार करना चाहिए। इससे व्यक्ति को Ketu का शुभ प्रभाव प्राप्त होता है और उसके जीवन में समृद्धि और सफलता मिलती है।
लाल किताब के अनुसार केतु ग्रह का महत्व | Lal Kitab Ke Anusar Ketu Grah Ka Mahatv
Lal Kitab के अनुसार Ketu ग्रह का प्रभाव उल्टा होता है, जिसका सीधा सा मतलब है कि यह अपनी चाल उल्टी दिखाता है। यह ग्रह कुंडली के बारहवें घर का स्वामी है, जो समाज सेवा और धार्मिक और आध्यात्मिक कार्यों से जुड़ा है। इसके अतिरिक्त, इस ग्रह से जुड़े जानवरों में सुअर, गधा, खरगोश, छिपकली और चूहा शामिल हैं। Ketu के ग्रह प्रभाव को दर्शाने के लिए काला कम्बल, काले तिल, लहसुनिया पत्थर, इमली, प्याज और लहसुन जैसी वस्तुओं का उल्लेख किया गया है।
केतु के प्रभाव लाल किताब के अनुसार | Ketu Ke Prabhav Lal Kitab Ke Anusar
जब कुंडली में Ketu मजबूत स्थिति में होता है तो व्यक्ति को अनूठे परिणाम का अनुभव होता है। इससे व्यक्ति को आध्यात्मिक क्षेत्र में सफलता मिलती है और मोक्ष की दिशा में मार्गदर्शन मिलता है। Ketu ग्रह अपने मित्र ग्रहों के साथ बलवान होता है जिससे व्यक्ति को आर्थिक और आध्यात्मिक उन्नति मिलती है।
इसके विपरीत यदि किसी जातक की कुंडली में Ketu की स्थिति कमजोर हो या वह पीड़ित हो तो यह अच्छा नहीं माना जाता है। Ketu अपने शत्रु ग्रहों के साथ मिलकर कमजोर हो जाता है, जिसके कारण व्यक्ति को जीवन में विभिन्न संघर्षों का सामना करना पड़ता है। कुल मिलाकर यह कहा जा सकता है कि Ketu व्यक्ति के जीवन पर सकारात्मक और नकारात्मक दोनों प्रभाव डालता है और परिणाम व्यक्ति के प्रयासों के अनुसार निर्धारित होता है।
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