कृष्णपिंगला संकष्टी चतुर्थी 2024: जानें शुभ मुहूर्त, व्रत करने के उपाय व पूजा विधि

कृष्णपिंगला संकष्टी चतुर्थी 2024: आषाढ़ मास का कृष्णपक्ष की चतुर्थी, जिसे कृष्णपिंगल चतुर्थी के नाम से जाना जाता है, इस साल 2024 में 25 जून को पड़ रही है। इस दिन भगवान गणेश की पूजा-अर्चना करने से समस्त सुखों की प्राप्ति होती है, घर में खुशहाली और समृद्धि आती है, और सभी कार्यों में सफलता मिलती है। इस लेख में हम आपको आषाढ़ Krishnapingal Chaturthi 2024 के बारे में विस्तार से बताएंगे, जिसमें सही दिन, पूजा का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और चंद्रोदय का समय शामिल है।

कृष्णपिंगला संकष्टी चतुर्थी 2024 शुभ मुहूर्त

कृष्णपिङ्गल संकष्टी चतुर्थी व्रत पूजा के शुभ मुहूर्त के बारे में जान लेते हैं। इस साल 2024 में, यह पावन दिन 25 जून, मंगलवार को मनाया जाएगा। चतुर्थी तिथि 25 जून की रात 01:23 AM पर प्रारंभ होकर 25 जून की रात 11:10 PM पर समाप्त होगी। संकष्टी चतुर्थी के दिन चंद्रोदय रात 10:27 PM पर होगा। Krishnapingal Sankashti Chaturthi शुभ मुहूर्त में भगवान गणेश की पूजा-अर्चना करने से उनकी विशेष कृपा प्राप्त होगी और जीवन में सुख, समृद्धि और सफलता का मार्ग प्रशस्त होगा।

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कृष्णपिंगल संकष्टी चतुर्थी व्रत उपाय

दोस्तों, कृष्णपिंगल संकष्टी चतुर्थी व्रत के दिन भगवान गणेश जी को प्रसन्न करने के लिए कुछ खास उपाय जरूर करने चाहिए:

  • Krishnapingal Sankashti Chaturthi: भगवान गणेश को सिंदूर से तिलक और लाल पुष्प अर्पित करें।
  • भगवान गणेश को 21 दूर्वा की गांठ अर्पित करें।
  • Ganesh Chaturthi Vrat: भगवान गणेश को गुड़ और घी का भोग लगाएं और उसे गाय को दें।
  • संकष्टी चतुर्थी: भगवान चन्द्रमा की पूजा करें, रात्रि में चन्द्रोदय के बाद अर्घ दें।
  • विवाह में अडचन: कृष्णपिंगल चतुर्थी पर भगवान गणेश को मालपुए का भोग लगाएं।

कृष्णपिंगल संकष्टी चतुर्थी व्रत में क्या खाएं क्या नहीं

आषाढ़ मास की कृष्णपक्ष की चतुर्थी तिथि व्रत के दिन कुछ खास चीजें खाने की अनुमति होती है, जबकि कुछ चीजों का सेवन वर्जित होता है-

  • मांस, मछली, मदिरा और नशीले पदार्थों के सेवन से बचें।
  • निर्जल व्रत रखें या दिन में एक बार मौसमी फल खाएं।
  • अन्न से बने भोजन या सेंधा नमक का सेवन न करें।
  • दूध और शकरकंद से व्रत तोड़ने का प्रयास करें।
  • यदि संभव हो तो व्रत के दौरान कुछ भी न खाएं।

कृष्णपिंगल संकष्टी चतुर्थी पूजा विधि

संकष्टी चतुर्थी व्रत पूजा करने की विधि इस प्रकार है:

  • व्रत संकल्प: शुभ मुहूर्त में स्नान कर लाल/पीले वस्त्र धारण कर सूर्यदेव को जल अर्पित करें।
  • भगवान गणेश की स्थापना: लकड़ी की चौकी पर पीले वस्त्र पर भगवान गणेश की मूर्ति स्थापित करें।
  • पूजा अर्चना: गणेश जी को लाल चंदन, फूल, दूर्वा, पान, सुपारी अर्पित करें और मोदक/लड्डू का भोग लगाएं।
  • मंत्र पाठ: संकष्टी चतुर्थी व्रत कथा पढ़ें/सुनें और गणेश चालीसा का पाठ करें।
  • आरती: भगवान गणेश की आरती करें।
  • व्रत पारण: शाम को स्नान कर स्वच्छ वस्त्र पहनें, गणेश जी की पूजा करें और चंद्रोदय पर चंद्रमा को अर्घ देकर व्रत पारण करें।

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