पार्वती पंचक स्तोत्र पाठ | Maa Parvati Panchak Stotra

पार्वती पंचक स्तोत्र: विवाह जीवन का एक महत्वपूर्ण अध्याय होता है, लेकिन कई बार विवाह में बाधाएं आ जाती हैं। अगर आपके या आपके किसी प्रियजन के विवाह में देरी हो रही है, तो चिंता न करें! पार्वती पंचक स्तोत्र का जाप एक शक्तिशाली उपाय है जो विवाह में आने वाली बाधाओं को दूर कर सकता है।

इस लेख में, हम Parvati Panchak Stotra के बारे में जानेंगे, इसके जाप के लाभों को समझेंगे और विधि के बारे में जानेंगे। साथ ही, हम यह भी जानेंगे कि पार्वती पंचक स्तोत्र का जाप कैसे और कहां करना चाहिए ताकि आपको जल्द ही विवाह का योग प्राप्त हो सके। आइए, पार्वती पंचक स्तोत्र के जाप के माध्यम से अपने जीवन में सुख और समृद्धि लाएं!

पार्वती पंचक स्तोत्र के लाभ

  • पार्वती पंचक स्तोत्र का जाप विवाह में आने वाली बाधाओं को दूर करता है और विवाह योग को जल्द बनता है।
  • पार्वती पंचक स्तोत्र का जाप सही जीवनसाथी की प्राप्ति में सहायक होता है और रिश्ते में सुख-समृद्धि लाता है।
  • विवाह के बाद आने वाली परेशानियों और कलह को दूर करने में भी यह स्तोत्र मददगार साबित होता है।
  • पार्वती पंचक स्तोत्र का जाप मन को शांत और स्थिर करता है, तनाव और चिंता को दूर करता है।
  • पार्वती पंचक स्तोत्र का जाप सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है और जीवन में खुशहाली लाता है।
  • पार्वती पंचक स्तोत्र का जाप आर्थिक समृद्धि में भी सहायक होता है और धन लाभ के अवसर प्रदान करता है।
  • यह स्तोत्र रोगों से मुक्ति दिलाने में भी सहायक होता है और स्वास्थ्य में सुधार लाता है।

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पार्वती पंचक स्तोत्र विधि

  • जाप शुरू करने से पहले स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
  • किसी शांत और साफ-सुथरे स्थान पर बैठें।
  • शिव मंदिर में जाकर स्तोत्र का जाप करें। यदि मंदिर जाना संभव न हो तो घर में भी शिव जी की तस्वीर या मूर्ति के सामने जाप कर सकते हैं।
  • दीपक, धूप, फूल, फल, मिठाई और जल अर्पित करें।
  • पार्वती पंचक स्तोत्र का पाठ करें।
  • इस स्तोत्र का जाप 108 बार या 11 बार करें।
  • सुबह या शाम के समय जाप करना उत्तम माना जाता है।
  • पार्वती पंचक स्तोत्र का जाप नियमित रूप से करें।
  • जाप करते समय शिव और पार्वती जी को अपने मन में याद करें और उनसे विवाह में सफलता और जीवन में खुशहाली की प्रार्थना करें।

पार्वती पंचक स्तोत्र का जाप कैसे और कहां करना चाहिए

पार्वती पंचक स्तोत्र का जाप करते समय, शुद्धता और एकाग्रता का ध्यान रखना महत्वपूर्ण है। स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करने के बाद, किसी शांत और साफ-सुथरे स्थान पर बैठें। मन को शिव और पार्वती जी पर केंद्रित करें, उनकी उपस्थिति का अनुभव करें। जाप करते समय विवाह में सफलता और जीवन में खुशहाली की प्रार्थना करें, इस भावना को अपने हृदय में धारण करें।

यदि संभव हो तो शिव मंदिर में जाकर जाप करें, अन्यथा घर में शिव जी की तस्वीर या मूर्ति के सामने या प्रकृति की गोद में किसी शांत और सुंदर स्थान पर Parvati Panchak Stotra जाप कर सकते हैं। नियमित रूप से जाप करने से आपको मन की शांति और जीवन में सकारात्मक बदलाव का अनुभव होगा।

पार्वती पंचक स्तोत्र | Parvati Panchak Stotra

धराधरेन्द्र नन्दिनी शशंक मालि संगिनी, 

सुरेश शक्ति वर्धिनी नितान्तकान्त कामिनी।

निशाचरेन्द्र मर्दिनी त्रिशूल शूल धारिणी, 

मनोव्यथा विदारिणी शिव तनोतु पार्वती ।

भुजंग तल्प शामिनी महोग्रकान्त भागिनी, 

प्रकाश पुंज दायिनी विचित्र चित्र कारिणी।

प्रचण्ड शत्रुधर्षिणी दया प्रवाह वर्षिणी, 

सदा सुभग्य दायिनी शिव तनोतु पार्वती। ।

प्रकृष्ट सृष्टि कारिका प्रचण्ड नृत्य नर्तिका , 

पिनाक पाणिधारिका गिरिश ऋग मालिका।

समस्त भक्त पालिका पीयूष पूर्ण वर्षिका, 

कुभाग्य रेखमर्जिका शिव तनोतु पार्वती ।

तपश्चरी कुमारिका जगत्परा प्रहेलिका, 

विशुद्ध भाव साधिका सुधा सरित्प्रवाहिका।

प्रयत्न पक्ष पौसिका सदार्धि भाव तोषिका, 

शनि ग्रहादि तर्जिका शिव तनोतु पार्वती ।

शुभंकरी शिवंकरी विभाकरी निशाचरी, 

नभश्चरी धराचरी समस्त सृष्टि संचरी ।

तमोहरी मनोहरी मृगांक मालि सुन्दरी, 

सदोगताप संचरी,शिवं तनोतु पार्वती।।

पार्वती पंचक नित्यमधीयते यत कुमारिका, 

दृष्कृतं निखिलं हत्वा वरं प्रप्नोति सुन्दरम।।

जय शिव शंकर जय गंगाधरॐ पार्वती पतये नमः मंत्र बेनिफिट्स
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