मंगला गौरी व्रत की कथा, व्रत करने के लाभ जरुर पढ़े

मंगला गौरी व्रत की कथा: सावन का महीना भगवान शिव की भक्ति और आराधना का महीना है, और इस महीने के मंगलवार माता पार्वती को समर्पित होते हैं। सावन के मंगलवार को मंगला गौरी की पूजा अर्चना का विशेष महत्व है। मान्यता है कि इस दिन व्रत रखने से मनोकामना जल्दी पूरी होती है और सुहागन महिलाएं अगर इस व्रत को रखती हैं तो उन्हें अखंड सौभाग्यवती होने का वरदान प्राप्त होता है। सावन के मंगलवार को सुहागिन महिलाएं पूरे दिन व्रत रखकर शाम को मंगला गौरी की विधि-विधान से पूजा अर्चना करती हैं और व्रत कथा पढ़ती हैं।

मंगला गौरी व्रत की कथा | Mangala Gauri Vrat Ki Katha

एक समय की बात है, एक शहर में धर्मपाल नाम का एक धनी व्यापारी रहता था। उसकी पत्नी सुंदर थी और उनके पास धन-दौलत की कोई कमी नहीं थी, लेकिन उनके जीवन में एक बड़ा शून्य था – संतान। वर्षों तक उन्होंने संतान की कामना की, मंदिरों में जाकर प्रार्थना की, लेकिन उनकी मनोकामना पूरी नहीं हुई।

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एक दिन, भगवान की कृपा से उन्हें एक पुत्र की प्राप्ति हुई। धर्मपाल और उनकी पत्नी बेहद खुश थे। लेकिन उनकी खुशी ज्यादा दिनों तक नहीं टिकी। एक साधु ने उन्हें बताया कि उनके पुत्र को श्राप मिला है। वह 6 वर्ष की आयु में सांप के काटने से मर जाएगा। यह सुनकर धर्मपाल और उनकी पत्नी का दिल टूट गया।

समय बीतता गया और उनका पुत्र 5 वर्ष का हो गया। धर्मपाल और उनकी पत्नी अपने पुत्र को बचाने के लिए हर संभव प्रयास करते रहे। उन्होंने मंदिरों में जाकर प्रार्थना की, साधुओं से सलाह ली, लेकिन कोई उपाय नहीं मिला।

उसी समय, एक दूर के गांव में एक युवती रहती थी। उसकी माँ मंगला गौरी का व्रत किया करती थी। उसने मंगला गौरी से प्रार्थना की थी कि उसकी पुत्री का जीवन सुखमय हो और उसे कभी भी विधवा नहीं होना पड़े। मंगला गौरी प्रसन्न हुईं और उन्होंने युवती को यह वरदान दिया।

संयोग से, धर्मपाल ने अपनी पुत्री की शादी उसी युवती से करने का फैसला किया। जब धर्मपाल ने युवती के माता-पिता से बात की, तो उन्हें पता चला कि युवती की माँ मंगला गौरी का व्रत करती है। धर्मपाल ने युवती के माता-पिता से विनती की कि वे अपनी पुत्री का विवाह उनके पुत्र से करा दें। युवती के माता-पिता ने धर्मपाल की विनती स्वीकार कर ली और उनकी पुत्री का विवाह धर्मपाल के पुत्र से कर दिया गया।

विवाह के बाद, धर्मपाल के पुत्र की उम्र 6 वर्ष हो गई। एक दिन, वह खेलते हुए जंगल में चला गया। वहां उसे एक सांप दिखाई दिया। सांप ने उसे डसने की कोशिश की, लेकिन अचानक एक पक्षी आ गया और सांप को उड़ा कर ले गया। धर्मपाल और उनकी पत्नी ने अपने पुत्र को सुरक्षित देखकर बहुत खुश हुए। उन्हें समझ में आ गया कि मंगला गौरी की कृपा से उनका पुत्र बच गया है।

इस घटना के बाद, धर्मपाल और उनकी पत्नी ने मंगला गौरी का व्रत रखना शुरू कर दिया। उन्होंने अपने पुत्र को भी मंगला गौरी की पूजा करना सिखाया। इस तरह, धर्मपाल और उनकी पत्नी का जीवन सुखमय हो गया। उनके पुत्र का जीवन भी सुरक्षित रहा और उन्होंने एक सुखी जीवन व्यतीत किया।

यह कहानी हमें बताती है कि मंगला गौरी की कृपा से जीवन में सुख-समृद्धि और सौभाग्य आता है। जो लोग मंगला गौरी का व्रत करते हैं, उनके जीवन में खुशियाँ आती हैं और उनकी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।

मंगला गौरी व्रत के लाभ 2024 | Mangala Gauri Vrat Ke Labh 2024

  • लंबा और सुखी जीवन: धर्मपाल के पुत्र को मंगला गौरी की कृपा से 100 साल का जीवन मिला।
  • स्थायी वैवाहिक जीवन: नवविवाहित महिलाएं मंगला गौरी व्रत का पालन करके अपने लिए लंबे, सुखी और स्थायी वैवाहिक जीवन की कामना करती हैं।
  • मनोकामना की पूर्ति: मंगला गौरी की कृपा से महिलाओं की मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
  • उपवास न करने वालों के लिए विकल्प: जो महिलाएं उपवास नहीं कर सकती, वे मां मंगला गौरी की पूजा कर सकती हैं।
  • सर्वव्यापी कृपा: मंगला गौरी की कृपा सभी पर समान रूप से बरसती है।

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