मंगलवार को तुलसी में जल देना चाहिए या नहीं: मंगलवार का दिन हनुमान जी को समर्पित है, और तुलसी माता को सभी देवताओं की प्रिय मानी जाती है। तो क्या मंगलवार को तुलसी में जल चढ़ाना चाहिए? इस प्रश्न का उत्तर जानने के लिए, आइए धार्मिक मान्यताओं और परंपराओं को समझने का प्रयास करते हैं।
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मंगलवार को तुलसी में जल देना चाहिए या नहीं | Mangalwar Ko Tulsi Mein Jal Dena Chahie Ya Nahi
मंगलवार को तुलसी में जल चढ़ाने के बारे में कोई स्पष्ट धार्मिक नियम या निषेध नहीं है। हालाँकि, कुछ मान्यताएँ हैं जो इस विषय पर विचार करने योग्य हैं:
- हनुमान जी की आराधना: मंगलवार को हनुमान जी की आराधना का दिन माना जाता है। हनुमान जी को तुलसी बहुत प्रिय है। इसलिए, मंगलवार को तुलसी में जल चढ़ाकर हनुमान जी को प्रसन्न किया जा सकता है।
- सभी देवताओं की प्रिय: तुलसी को सभी देवताओं की प्रिय मानी जाती है। इसलिए, किसी भी दिन तुलसी में जल चढ़ाना शुभ माना जाता है।
- नियमित पूजा: तुलसी की नियमित पूजा और जल चढ़ाने से घर में सुख-शांति और समृद्धि आती है। इसलिए, मंगलवार को भी तुलसी की पूजा करना शुभ माना जाता है।
मंगलवार को तुलसी में जल चढ़ाना शुभ माना जाता है, क्योंकि यह हनुमान जी को प्रसन्न करने और घर में सुख-शांति लाने का एक तरीका है। हालांकि, अगर आप तुलसी में जल चढ़ाने के बारे में कोई संदेह रखते हैं, तो आप किसी धार्मिक गुरु या पंडित से सलाह ले सकते हैं।
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तुलसी में जल किस दिन नहीं देना चाहिए
रविवार को तुलसी में जल चढ़ाने की मनाही शास्त्रों में वर्णित है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, रविवार के दिन भगवान विष्णु के लिए तुलसी जी निर्जला व्रत रखती हैं। इस दिन तुलसी में जल चढ़ाने से उनका व्रत भंग हो जाता है, जिससे भगवान विष्णु नाराज हो सकते हैं। इसलिए, रविवार को तुलसी में जल नहीं चढ़ाना चाहिए। इस दिन तुलसी माता की पूजा अन्य तरीकों से की जा सकती है, जैसे कि उन्हें धूप-दीप दिखाना, फूल चढ़ाना, या मंत्रों का जाप करना।
अमावस्या के दिन तुलसी में जल चढ़ाना चाहिए या नहीं
अमावस्या के दिन तुलसी में जल चढ़ाने की परंपरा प्राचीन काल से चली आ रही है। यह दिन विशेष रूप से तुलसी माता की पूजा के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है, क्योंकि यह दिन पवित्रता और शुद्धता का प्रतीक है। अमावस्या के दिन तुलसी में जल चढ़ाने से घर में सुख-शांति और समृद्धि आती है।
पौष अमावस्या के दिन तुलसी की पूजा का विशेष महत्व है। इस दिन तुलसी के गमले को साफ करके जल चढ़ाना चाहिए, और फिर तुलसी को लाल चुनरी चढ़ाकर पूजा करनी चाहिए। यह माना जाता है कि इस दिन तुलसी को पीले फूल चढ़ाने से माता लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है।
वैशाख की अमावस्या पर सूर्यदेव को जल अर्पण करने के बाद तुलसी पौधे की 108 परिक्रमा करने का विधान है। यह परिक्रमा करते समय “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” मंत्र का जाप करना चाहिए। यह माना जाता है कि इस दिन तुलसी की परिक्रमा करने से पापों का नाश होता है और जीवन में सफलता प्राप्त होती है।
सोमवती अमावस्या के दिन तुलसी का पौधा लगाना भी शुभ माना जाता है। घर में तुलसी का पौधा होने से सकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव होता है। इस पौधे में रोजाना जल अर्पित करना चाहिए और दीपक जलाकर पूजा करनी चाहिए।
अमावस्या के दिन तुलसी में जल चढ़ाना, तुलसी की पूजा करना, और तुलसी का पौधा लगाना, ये सभी कार्य धार्मिक दृष्टिकोण से बहुत महत्वपूर्ण हैं। इन कार्यों को करने से घर में सुख-शांति, समृद्धि, और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
एकादशी को तुलसी में जल देना चाहिए या नहीं
एकादशी का दिन भगवान विष्णु को समर्पित है, और इस दिन तुलसी माता विष्णु जी को प्रसन्न करने के लिए निर्जला व्रत रखती हैं। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, एकादशी के दिन तुलसी में जल चढ़ाने से उनका व्रत टूट जाता है, जिससे भगवान विष्णु नाराज हो सकते हैं। इसलिए, इस दिन तुलसी को जल अर्पित नहीं करना चाहिए। इसके अलावा, एकादशी के दिन तुलसी के पत्ते नहीं तोड़ने चाहिए और न ही पूजा करनी चाहिए। इस दिन तुलसी माता की पूजा अन्य तरीकों से की जा सकती है, जैसे कि उन्हें धूप-दीप दिखाना, फूल चढ़ाना, या मंत्रों का जाप करना।
गुरुवार को तुलसी में जल देना चाहिए या नहीं
गुरुवार का दिन भगवान विष्णु को समर्पित है, और तुलसी माता को भी विष्णु जी से गहरा नाता है। धर्म शास्त्रों के अनुसार, गुरुवार के दिन तुलसी में जल चढ़ाने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और घर में धन-धान्य की वृद्धि होती है। इस दिन तुलसी की पूजा करने से भगवान विष्णु की कृपा भी प्राप्त होती है। अगर आप रोजाना तुलसी में जल नहीं चढ़ा पाते, तो गुरुवार के दिन ऐसा अवश्य करें। तुलसी में जल चढ़ाने के बाद उसकी परिक्रमा करने से भी लाभ होता है। इस दिन तुलसी को पीले फूल चढ़ाने से भी माता लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है।