ओम जय जगदीश हरे: “ओम जय जगदीश हरे” – यह भक्ति गीत सिर्फ़ एक गाना नहीं, बल्कि एक भावना है जो हर हिंदू के दिल को छू लेती है। अनुराधा पौडवाल की मधुर आवाज़ में गाया गया यह गीत, भगवान जगदीश की भक्ति और आराधना का एक अद्भुत नमूना है।
इस ब्लॉग पोस्ट में, हम Om Jai Jagdish Hare गीत के बोलों का विश्लेषण करेंगे, इसके पीछे की भावना को समझेंगे और इस गीत के लोकप्रिय होने के कारणों पर चर्चा करेंगे। साथ ही, हम अनुराधा पौडवाल के इस गीत के बारे में कुछ रोचक तथ्यों को भी जानेंगे।
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ओम जय जगदीश हरे लिरिक्स | Om Jai Jagdish Hare Lyrics
जय अम्बे गौरी
मैया जय श्यामा गौरी
तुमको निशदिन ध्यावत
तुमको निशदिन ध्यावत
हरि ब्रह्मा शिवरी
ॐ जय अम्बे गौरी
जय अम्बे गौरी
मैया जय श्यामा गौरी
तुमको निशदिन ध्यावत
तुमको निशदिन ध्यावत
हरि ब्रह्मा शिवरी
ॐ जय अम्बे गौरी
मांग सिंदूर विराजत
टीको मृगमद को
मैया टीको मृगमद को
अनुराधा पौडवाल ओम जय जगदीश हरे के गाने के बोल
उज्ज्वल से दो नैना
उज्ज्वल से दो नैना
चंद्रवदन नीको
ॐ जय अम्बे गौरी
कनक समान कलेवर
रक्ताम्बर राजै
मैया रक्ताम्बर राजै
रक्तपुष्प गल माला
रक्तपुष्प गल माला
कण्ठन पर साजै
ॐ जय अम्बे गौरी
केहरि वाहन राजत
खड्ग खप्परधारी
मैया खड्ग खप्परधारी
सुर नर मुनि जन सेवत
सुर नर मुनि जन सेवत
तिनके दुखहारी
ॐ जय अम्बे गौरी
कानन कुण्डल शोभित
नासाग्रे मोती
मैया नासाग्रे मोती
कोटिक चन्द्र दिवाकर
कोटिक चन्द्र दिवाकर
सम राजत ज्योति
ॐ जय अम्बे गौरी
शुम्भ-निशुम्भ बिदारे
महिषासुर घाती
मैया महिषासुर घाती
धूम्र विलोचन नैना
धूम्र विलोचन नैना
निशदिन मदमाती
ॐ जय अम्बे गौरी
चण्ड-मुण्ड संहारे
शोणित बीज हरे
मैया शोणित बीज हरे
मधु कैटभ दोउ मारे
मधु कैटभ दोउ मारे
सुर भयहीन करे
ॐ जय अम्बे गौरी
ब्रहमाणी रुद्राणी
तुम कमला रानी
मैया तुम कमला रानी
आगम-निगम बखानी
आगम-निगम बखानी
तुम शिव पटरानी
ॐ जय अम्बे गौरी
चौंसठ योगिनी गावत
नृत्य करत भैरव
मैया नृत्य करत भैरव
बाजत ताल मृदंगा
बाजत ताल मृदंगा
और बाजत डमरु
ॐ जय अम्बे गौरी
तुम ही जग की माता
तुम ही हो भरता
मैया तुम ही हो भरता
भक्तन की दु:ख हरता
भक्तन की दु:ख हरता
सुख सम्पत्ति करता
ॐ जय अम्बे गौरी
भुजा चार अति शोभित
वर-मुद्रा धारी
मैया वर-मुद्रा धारी
मनवान्छित फल पावत
मनवान्छित फल पावत
सेवत नर-नारी
ॐ जय अम्बे गौरी
कंचन थाल विराजत
अगर कपूर बाती
मैया अगर कपूर बाती
श्रिमालकेतु में राजत
श्रिमालकेतु में राजत
कोटि रतन ज्योति
ॐ जय अम्बे गौरी
श्री अंबेजी की आरती
जो कोई नर गावे
मैया जो कोई नर गावे
कहत शिवानंद स्वामी
कहत शिवानंद स्वामी
सुख-संपत्ति पावे
ॐ जय अम्बे गौरी
जय अम्बे गौरी
मैया जय श्यामा गौरी
तुमको निशदिन ध्यावत
तुमको निशदिन ध्यावत
हरि ब्रह्मा शिवरी
ॐ जय अम्बे गौरी
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