ओम जय लक्ष्मी माता आरती: दीपावली का त्योहार, रोशनी का त्योहार, खुशियों का त्योहार, और माता लक्ष्मी की कृपा का त्योहार! इस पावन पर्व पर, हम सभी अपने घरों को दीपों से सजाते हैं, मिठाइयाँ खाते हैं, और अपने प्रियजनों के साथ समय बिताते हैं। लेकिन इस त्योहार का सबसे महत्वपूर्ण पहलू है, माता लक्ष्मी की पूजा और आराधना। माता लक्ष्मी, धन और समृद्धि की देवी, हमारी ज़िंदगी में सुख-समृद्धि, शांति और खुशहाली लाती हैं।
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दीपावली की रात, माता लक्ष्मी की आरती करने से जीवन में कभी किसी चीज की कमी नहीं होती। लक्ष्मीजी की आरती बहुत ही चमत्कारिक मानी जाती है, इस आरती से जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बना रहता है, और घर में सुख-शांति का वास होता है। आइए, इस दीपावली पर, हम सभी मिलकर माता लक्ष्मी की आरती करें, और उनकी कृपा से अपने जीवन को धन्य बनाएँ!
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ओम जय लक्ष्मी माता आरती | Om Jai Laxmi Mata Aarti
ओम जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता।
तुमको निशिदिन सेवत, हरि विष्णु विधाता॥
ओम जय लक्ष्मी माता॥
उमा, रमा, ब्रह्माणी, तुम ही जग-माता।
सूर्य-चंद्रमा ध्यावत, नारद ऋषि गाता॥
ओम जय लक्ष्मी माता॥
दुर्गा रुप निरंजनी, सुख सम्पत्ति दाता।
जो कोई तुमको ध्यावत, ऋद्धि-सिद्धि धन पाता॥
ओम जय लक्ष्मी माता॥
तुम पाताल-निवासिनि, तुम ही शुभदाता।
कर्म-प्रभाव-प्रकाशिनी, भवनिधि की त्राता॥
ओम जय लक्ष्मी माता॥
जिस घर में तुम रहतीं, सब सद्गुण आता।
सब सम्भव हो जाता, मन नहीं घबराता॥
ओम जय लक्ष्मी माता॥
तुम बिन यज्ञ न होते, वस्त्र न कोई पाता।
खान-पान का वैभव, सब तुमसे आता॥
ओम जय लक्ष्मी माता॥
शुभ-गुण मंदिर सुंदर, क्षीरोदधि-जाता।
रत्न चतुर्दश तुम बिन, कोई नहीं पाता॥
ओम जय लक्ष्मी माता॥
महालक्ष्मीजी की आरती, जो कोई जन गाता।
उर आनन्द समाता, पाप उतर जाता॥
ओम जय लक्ष्मी माता॥
सब बोलो लक्ष्मी माता की जय, लक्ष्मी नारायण की जय।