पंचमुखी हनुमान मंत्र भक्ति में उपयोग किया जाने वाला एक प्रसिद मंत्र है I यह मंत्र हनुमानजी के शक्तिशाली मंत्रो में से एक है I जिसको भक्ति भाव के साथ 108 बार नियमित जाप करने पर व्यक्ति को आध्यात्मिक शक्ति मिलती है I मंत्र का उचारण शुद्ध मन से करने पर अधिक लाभ प्राप्त होता है I इस मंत्र को सिद्ध करने के लिए आप अनुभवी गुरु के मार्गदर्शन का सहारा लेना चाहिए I
इस लेख में हम आपको Panchmukhi Hanuman Mantra की चमत्कारिक शक्तियों के बारे में एवं इसका नियमित रूप से जाप करने पर जातक को किस प्रकार के लाभ प्राप्त हो सकते हैं इस संबंध में विशेष जानकारी आप इस लेख में पढ़ने वाले है साथ ही आप जानेगे की पंचमुखी हनुमान मंत्र का जाप करना श्रेष्ठ फलों की प्राप्ति का कारक है और विधि तथा उचित समय की विधिवत जानकारी पहुंचा रहे हैं
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पंचमुखी हनुमान मंत्र के फायदे
देखिए हनुमान जी का जाप करना प्रत्येक जातक के लिए श्रेष्ठ फलों की प्राप्ति कारक है इसमें कोई संदेह नहीं है परंतु जब हनुमान जी की विशेष कृपा की बात की जाए तो अधिकांश जातक पंचमुखी हनुमान जी के समक्ष हनुमान मंत्र का जाप करते हैं जिससे उन्हें विशेष फलों की प्राप्ति होती है इसमें भी कोई संदेश नहीं है हम कुछ श्रेष्ठ लाभ की जानकारी बता रहे हैं जो किस प्रकार से है. मंगलवार के दिन पंचमुखी हनमान की प्रतिमा का दर्शन और मंत्रो का जाप करने से बुरी नजर से बचा जा सकता है और मंगल व शनि के दोस को दूर किया जा सकता है I
- मंत्र का जाप करने से शत्रुओं का नाश होता है I
- पंचमुखी हनुमान मंत्र का जाप करने से रोगों का समन होता है I
- किसी संकटों को दूर करने के लिए इस मंत्र का जाप करन चाहिए।
- बुरी नजर का असर खत्म करने के लिए इस मंत्र का जाप करें ।
- अगर आपकी कोई इच्छा पूरी नही हो रही है तो उसे पूरा करने के लिए मंत्र का उपयोऊ किया जा सकता है I
- अगर किसी प्रकार का डर आपके मन में बेठ गया है तो इस मंत्र के द्वारा उसे दूर किया जा सकता है I
पंचमुखी हनुमान मंत्र जाप करने की विधि
बजरंगबली की कृपा हर कोई अपने ऊपर फलित होते हुए देखना चाहते हैं इसके लिए जातक कोई भी जतन करने के लिए हमेशा तत्पर रहते हैं यदि हम बजरंगबली यानी कि हनुमान जी की विशेष कृपा प्राप्त करना चाहते हैं और उन्हें प्रसन्न करना चाहते हैं तो हनुमान जी की चमत्कारिक मूर्ति जिसे पंचमुखी हनुमान जी भी कहते हैं इसके समकक्ष हनुमान जी के प्रसिद्ध मित्रों का जाप करने से जातक को काफी लाभ होते हैंऔर इसकी विधि भी श्रेष्ठ फलों की कारक है हम हनुमान जी के चमत्कारिक मंत्रो का जप करने की विशेष विधि को समझते हैं
- सुबह स्नान करके स्वच्छ कपड़े पहनकर एक लाल कपड़े में हनुमान जी की पंचमुखी को स्थापित करेगे I
- पंचमुखी हनुमानजी की पूजा करें और गाय के घी का दीपक जलाकर प्रीतमा के सामने रख दे I जो जाप के अंत तक जलता रहे।
- रुद्राक्ष की माला से कम से कम 5 माला जाप अवश्य करें।
- जाप करते समय अन्य किसी वस्तु व स्थान का ध्यान न करे
- पाठ करते समय चित वृति हनुमान जी में लेगी रहे
- शुद्ध मन से हनुमान जी का जाप लाभप्रद होता है
पंचमुखी हनुमान मंत्र | शत्रु नाशक हनुमान मंत्र
किसी प्राणी पर संकट आता है या संकट आने का अनुभव होता है तो तुरंत ही हनुमान जी के मंत्रो का जाप करना शुरू कर देते हैं और करें भी क्यों ना क्योंकि हनुमान जी ही एक ऐसे देव हैं जो किसी भी प्रकार के संकट को दूर करने में सक्षम है हनुमान जी के कुछ ऐसे विशेष मंत्र जिनका जाप करने से प्राणी पर आए संकट को क्षण भर में दूर किया जा सकता है इन विशेष एवं चमत्कारी मंत्रो में कुछ मंत्र इस प्रकार
“।। ॐ नमो भगवते पंचवदनाय आंजनेयाय महाबलाय स्वाहा ।।”
यह मंत्र अनुष्ठान के समय ध्यान और उपासना के साथ पंचमुखी हनुमान के सभी मुख को समर्पित किया जाता है। इसमें मंत्र में “ॐ” से शुरू होने वाला यह मंत्र विशेष शक्ति को अपने अंदर धारण करता है और अपने भक्त को हर समस्या से बहार निकालने में मद्त करता है। जो भक्त इस मंत्र को भक्ति भाव के साथ 108 नियमित जाप करने पर व्यक्ति को सुरक्षा, सफलता मिलती है I मंत्र का उचारण साफ मन से करने पर अधिक लाभ प्राप्त होता है I
पंचमुखी हनुमान मंत्र अर्थ
- “ॐ”: यह मंत्र ब्रह्म का प्रतीक है। इस मंत्र में यह वाक्य प्राणवाचक ध्वनि है जो पूरी सृष्टि, स्थिति, और संहार के अनेक शक्तिशाली शक्तियों का प्रतिक है। इसे जाप करने से मन को शांति और चित्त का अनुभव होता है।
- “नमो”: यह शब्द हमे समर्पण करना व आदर्श श्रद्धा प्रकट करने के लिए बताता है । इसके उपाय से भक्त मंत्र के उद्देश्य का सम्मान करता है और उसके सामर्थ्य की प्रशंसा करता है।
- “भगवते”: यह शब्द हमे देवी-देवताओ या ईस्वर के विषय में बोध करता है, इस मंत्र में भगवान पंचमुखी हनुमान जी की स्तुति को गुणगान किया जाता है।
- “पंचवदनाय”: “पंच” शब्द का अर्थ है की पांच और “वदन” चेहरा। इससे भगवान पंचमुखी हनुमान के पांच मुख के संदर्भ में बात की जाती है।
- “आंजनेयाय”: इस शब्द का अर्थ है की भगवान हनुमान का एक अन्य नाम को दर्शाता है ।
- “महाबलाय”: इसमें वीर हनुमान के महान बल (शक्ति) का गायन किया जाता है
- “स्वाहा”: यह एक विशेष रूप से दान करने की शक्ति का रूप है। जाप करते समय इस शब्द का उच्चारण करना चाहिए, जिससे भक्त को मंत्र का फल प्राप्त हो जाता है।