जुबिन नौटियाल की मधुर आवाज और पायल देव के जादुई संगीत से सजे, “पता नहीं किस रूप में आकर नारायण मिल जाएगा” भजन एक ऐसा रचना है जो आपके दिल को छू लेगा। इस भजन में, जुबिन नौटियाल की आवाज भक्ति और आशा की भावनाओं को जीवंत करती है, जबकि पायल देव का संगीत एक शांत और आध्यात्मिक वातावरण बनाता है।
यह भजन प्रभु के प्रति अटूट प्रेम और उनके दर्शन की लालसा को दर्शाता है। इसमें एक गहरी भावना है जो आपको अपने आंतरिक आत्मा से जोड़ती है। आप इस भजन को सुनते समय अपने आप को प्रभु के निकट महसूस करेंगे। आज ही इस भावुक भजन को सुनें और पढ़े .
Table of Contents
पता नहीं किस रूप में आकर नारायण मिल जाएगा – क्रेडिट टेबल
गायक | जुबिन नौटियाल |
संगीत | पायल देव |
गीत | मनोज मुंतशिर |
संगीत निर्माण और अतिरिक्त स्वर | आदित्य देव |
मिक्स और मास्टर | एडीएम स्टूडियोज़ |
संगीत लेबल | टी-सीरीज़ |
पता नहीं किस रूप में आकार नारायण मिल जाएगा लिरिक्स
प्रेम प्रभु का बरस रहा है
पी ले अमृत प्यासे
सातों तीरथ तेरे अंदर
बहार किसे तलाशे
कण कण में हरि
क्षण क्षण में हरि
मुस्कुराओ में आशुवन में हरि
मन की आंखे तूने खोली
तो ही दर्शन पाएगा
पता नहीं किस रूप में आकर
नारायण मिल जाएगा
पता नहीं किस रूप में आकर
नारायण मिल जाएगा
नियति भेद नहीं करती
जो लेती है वो देती है
जो बोयेगा वो काटेगा
ये जग करमों की खेती है
नियति भेद नहीं करती
जो लेती है वो देती है
जो बोयेगा वो काटेगा
ये जग कर्मो की खेती है
यदि कर्म तेरे पावन है सभी
डूबेगी नहीं तेरी नाव कभी
तेरी बाॅह पकड़ने को
वो भेष बदल के आएगा
पता नहीं किस रूप में आकार
नारायण मिल जाएगा
पता नहीं किस रूप में आकार
नारायण मिल जाएगा
नेकी व्यर्थ नहीं जाती
हरी लेखा-जोखा रखते हैं
ओरो को फुल दिए जिसने
उसके भी हाथ महकते हैं
नेकी व्यथ नहीं जाती
हरी लेखा-जोखा रखते हैं
ओरो को फुल दिए जिसने
उसके भी हाथ महकते हैं
कोई दीप मिले तो बाती बन
तू भी तो किसी का साथी बन
मन को मानसरोवर कर ले
तो ही मोती पाएगा
पता नहीं किस रूप में आकार
नारायण मिल जाएगा
पता नहीं किस रूप में आकार
नारायण मिल जाएगा
कान लगाके बातें सुन ले
सूखे हुए दरख्तों की
लेता है भगवान परीक्षा
सबसे प्यारे भक्तों की
एक प्रश्न है गहरा जिसकी
हरी को थाह लगानी है
तेरी श्रद्धा सोना है
या बस सोने का पानी है
जो फूल धरे हर डाली पर
विश्वास तो रख उस माली पर
तेरे भाग में पत्थर है तो
पत्थर ही खिल जाएगा
पता नहीं किस रूप में आकर
नारायण मिल जाएगा
पता नहीं किस रूप मैं आकार
नारायण मिल जाएगा
पता नहीं किस रूप में आकार
नारायण मिल जाएगा
“हमने बहुत करीब से देखा है ज़िन्दगी को,
उतना ही पास रह गया, जो दे दिया किसी को।”
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Pata Nahi Kis Roop Me Aakar Narayan Mil Jayega Lyrics
Prem Prabhu Ka Baras Raha Hai
Pee Le Amrit Pyase
Saaton Tirath Tere Andar
Baahar Kise Talaase
Kann Kann Mein Hari
Kshan Kshan Mein Hari
Muskanon Mein Anshuvan Mein Hari
Mann Ki Aankhein Toone Kholi
Toh Hi Darshan Paayega
Pata Nahi Kis Roop Mein Aakar
Narayan Mil Jayega
Pata Nahi Kis Roop Mein Aakar
Narayan Mil Jayega
Niyati Bhed Nahi Karti
Jo Leti Hai Woh Deti Hai
Jo Boyega Woh Kaatega
Yeh Jag Karmon Ki Kheti Hai
Niyati Bhed Nahi Karti
Jo Leti Hai Woh Deti Hai
Jo Boyega Woh Kaatega
Yeh Jag Karmon Ki Kheti Hai
Yadi Karm Tere Paawan Hai Sabhi
Doobegi Nahi Teri Naav Kabhi
Teri Baanh Pakadne Ko
Woh Bhesh Badal Ke Aayega
Pata Nahi Kis Roop Mein Aakar
Narayan Mil Jayega
Pata Nahi Kis Roop Mein Aakar
Narayan Mil Jayega
Neki Vyarth Nahi Jaati
Hari Lekha-Jokha Rakhte Hain
Auron Ko Phool Diye Jisne
Uske Bhi Hath Mahakte Hain
Neki Vyarth Nahi Jaati
Hari Lekha-Jokha Rakhte Hain
Auron Ko Phool Diye Jisne
Uske Bhi Hath Mahakte Hain
Koyi Deep Mile Toh Baati Ban
Tu Bhi Toh Kisi Ka Saathi Ban
Man Ko Mansarovar Karle
Toh Hi Moti Payega
Pata Nahi Kis Roop Mein Aakar
Narayan Mil Jayega
Pata Nahi Kis Roop Mein Aakar
Narayan Mil Jayega
Kaan Lagake Baatein Sunle
Sookhe Hue Darakhton Ki
Leta Hai Bhagwan Pariksha
Sabse Pyare Bhakton Ki
Ek Prashn Hai Gehra Jiski
Hari Ko Thaah Lagani Hai
Teri Shradha Sona Hai
Ya Bas Sone Ka Paani Hai
Jo Phool Dhare Har Daali Par
Vishwas Toh Rakh Us Maali Par
Tere Bhaag Mein Pathar Hai Toh
Pathar Bhi Khil Jayega
Pata Nahi Kis Roop Main Aakar
Narayan Mil Jayega
Pata Nahi Kis Roop Mein Aakar
Narayan Mil Jayega
Pata Nahi Kis Roop Mein Aakar
Narayan Mil Jayega
“Humne Bahut Kareeb Se
Dekha Hai Zindagi Ko,
Utna Hi Paas Reh Gaya,
Jo De Diya Kisi Ko”