शनिवार को पीपल के नीचे दीपक कब जलाना चाहिए:- हिंदू धर्म में पीपल के पेड़ का महत्व बहुत खास है। यह एक पवित्र और प्राचीन वृक्ष माना जाता है जिसके नीचे बैठकर ध्यान किया जा सकता है। इसलिए लोग पीपल के पेड़ के नीचे जाकर दीपक जलाते हैं और अपनी मनोकामना मांगते हैं। हालाँकि, यह भावनात्मक क्रिया अकेले भावनात्मक नहीं है, बल्कि इसे भाग्यशाली माना जाता है क्योंकि यह कई तरह की समस्याओं का समाधान करती है। लेकिन, इस परंपरा के साथ उचित नियमों का पालन करना भी जरूरी है, क्योंकि एक छोटी सी गलती भी परिणाम पलट सकती है। इसलिए Peepal Tree के नीचे जाकर दीपक जलाने से पहले नियमों को ध्यान में रखना चाहिए।
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शनिवार को पीपल के नीचे दीपक कब जलाना चाहिए | Peepal Ke Niche Keepak Kab Jalana Chahie
पीपल के पेड़ के नीचे दीपक जलाना एक प्राचीन परंपरा है जिसमें सुबह और शाम को सबसे शुभ माना जाता है। इस क्रिया के साथ-साथ एक और महत्वपूर्ण परंपरा है- परिक्रमा। परिक्रमा के रूप में वृक्ष की सात बार परिक्रमा करना अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। इस सात परिक्रमा से शनिदेव प्रसन्न होते हैं और सभी प्रकार के शनि दोष समाप्त हो जाते हैं। यह एक धार्मिक कृत्य होने के साथ-साथ शांति और समृद्धि के लिए प्रार्थना का एक उत्कृष्ट उदाहरण भी है।
Peepal Tree के नीचे दीपक जलाने की प्रक्रिया में समय का विशेष महत्व होता है। शास्त्रों के अनुसार यह काम शुभ मुहूर्त में करने से अधिक फल मिलता है। पेड़ के नीचे दीपक जलाने का सबसे शुभ समय शाम 5 बजे से 7 बजे के बीच है। इस दौरान प्राकृतिक ऊर्जा का स्तर ऊंचा होता है और धरती पर शांति और सकारात्मकता की ऊर्जा महसूस होती है। इसलिए दीपक जलाते समय समय का चयन सावधानी से करना चाहिए ताकि हमारी पूज्य भूमि से समृद्धि और शांति की किरणें फैल सकें।
पीपल के नीचे घी का दीपक ना जलाए
Peepal Tree के नीचे केवल सरसों के तेल का दीपक जलाने से कई प्रकार के ग्रह दोष समाप्त हो जाते हैं। सरसों के तेल की अद्भुत गुणवत्ता और शुद्धता के स्तर के कारण इसका उपयोग धार्मिक और आध्यात्मिक गतिविधियों में भी किया जाता है। यह देवत्व में विश्वास बढ़ाता है और अनुकूल ग्रह ऊर्जा को आकर्षित करता है, जिससे भविष्य में समृद्धि और सौभाग्य प्राप्त हो सकता है।
पीपल के पेड़ की लगाये परिक्रमा
Peepal Tree के नीचे दीपक जलाने के बाद पेड़ की परिक्रमा करने की एक और महत्वपूर्ण परंपरा है। इस परिक्रमा में पेड़ की सात बार परिक्रमा करना बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। इस सात परिक्रमा से शनिदेव प्रसन्न होते हैं और सभी प्रकार के शनि दोष समाप्त हो जाते हैं। इस अद्भुत क्रिया से शुभ ग्रह शनि की कृपा प्राप्त होती है और जीवन में सुख, समृद्धि और मान-सम्मान की प्राप्ति होती है।
पीपल के नीचे दीपक जलाने का महत्व
शनिवार के दिन पीपल के पेड़ की पूजा करने से शनि की साढ़ेसाती से जल्द ही राहत मिलती है। इस दिन शनिदेव को सरसों का तेल चढ़ाना चाहिए और शाम के समय Peepal Tree के नीचे दीपक रखना चाहिए। इससे शनिदेव की कृपा बरकरार रहती है और शनि दोष से मुक्ति मिलती है। इस दिन भगवान नारायण स्वयं वासुदेव हैं और देवी लक्ष्मी यहां निवास करती हैं। ऐसे में देवी लक्ष्मी का सुख-समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
शिवपुराण के अनुसार Shaniwar का दिन भगवान इंद्र की पूजा के लिए बहुत अच्छा दिन माना जाता है। इस दिन इंद्र की पूजा की जाती है और भगवान इंद्र को पूरे विश्व में अलौकिक सुख का स्वामी कहा जाता है। इसलिए Shaniwar के दिन Peepal Tree के नीचे दीपक रखकर भगवान इंद्र का स्मरण करने से अलौकिक सुख की प्राप्ति होती है।
तेल का दीपक जलाने का महत्त्व
तेल न केवल स्वास्थ्य को बढ़ावा देता है बल्कि शत्रुओं से भी रक्षा करता है और विजयी होने की शक्ति प्रदान करता है। इसलिए घर के बाहर तेल का दीपक जलाना बहुत प्राचीन और प्रेरणादायक परंपरा है। इस समय शनिदेव को अत्यंत प्रिय माना जाता है इसलिए Shaniwar की शाम को देवी-देवताओं को याद करते हुए दीपक अवश्य जलाना चाहिए। इस समय का अद्भुत वातावरण आत्मा को शांति, सुख और समृद्धि का एहसास कराता है और घर को पूर्णतः शुभ और मंगलमय बना देता है।