राम नवमी क्यों मनाया जाता है:- रामनवमी हर वर्ष चैत्र शुक्ल नवमी को मनाया जाने वाला एक प्रमुख हिंदू त्योहार है। यह त्यौहार भगवान राम के जन्म के उपलक्ष्य में मनाया जाता है, जो हिंदू धर्म में एक प्रमुख प्रतीक हैं। इस दिन लोग भगवान राम की पूजा करते हैं और उनसे आशीर्वाद की प्रार्थना करते हैं। 2024 में Ramnavami की तिथि 17 अप्रैल है, जो बुधवार के दिन है। यह दिन सूर्योदय से प्रारंभ होकर दोपहर 3:14 बजे तक रहता है। Ramnavami के इस शुभ दिन पर लोग विशेष रूप से भगवान राम की पूजा करते हैं और उनके धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व को समझते हैं।
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राम नवमी क्यों मनाया जाता है | Ram Navami Kyu Manaya Jata Hai
Ram Navami एक महत्वपूर्ण अवसर है, जो हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखता है। इसे भगवान राम की जयंती के रूप में मनाया जाता है, जो रावण के अत्याचारों को समाप्त करने और धर्म की स्थापना के लिए जिम्मेदार थे। Ram Navami के त्यौहार पर, हिंदू भक्त भगवान राम की पूजा करते हैं और उनकी कहानियों का पाठ करते हैं।
उसी प्रकार मां दुर्गा की पूजा का भी अत्यंत महत्व है और भगवान राम को भी लंका पर विजय पाने के लिए मां दुर्गा का आशीर्वाद प्राप्त हुआ था। इसलिए चैत्र मास की नवरात्रि के समापन के बाद Ramnavami का त्योहार आता है, जिसे भगवान राम के जन्म और मां दुर्गा की पूजा के साथ सम्मानित किया जाता है।
अगले सालों में राम नवमी
वर्ष | राम नवमी तिथि |
2025 | 5 अप्रैल |
2026 | 25 मार्च |
2027 | 14 अप्रैल |
2028 | 2 अप्रैल |
2029 | 22 मार्च |
2030 | 11 अप्रैल |
रामनवमी कौन से पक्ष में आती है | Ramnavami Kaun Se Paksh Mein Aati Hai
हर साल चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी को Ramnavami का त्योहार मनाया जाता है, जो हिंदू धर्म के प्रमुख त्योहारों में से एक है। इसी दिन भगवान राम का जन्म हुआ था, जो धर्म की रक्षा के लिए अवतरित हुए थे। साल 2024 में Ram Navami 17 अप्रैल को मनाई जाएगी जिसे एक शुभ अवसर के रूप में मनाया जाएगा। इस दिन भक्त भगवान राम की पूजा करते हैं और उनके अवतार को याद करते हैं, जिससे धार्मिक उत्साह बढ़ता है। Ramnavami के इस महत्वपूर्ण दिन पर, लोग विभिन्न धार्मिक कार्यक्रम करते हैं और पारंपरिक रूप से सजते-संवरते हैं, जिससे एक आनंदमय और धार्मिक माहौल बनता है।
रामनवमी और महानवमी में क्या अंतर है | Ramnavami Aur Mahanavami Mein Kya Antar Hai
Ramnavami और महानवमी दोनों ही हिंदू धर्म के महत्वपूर्ण त्योहार हैं, लेकिन इनमें मतभेद हैं। Ramnavami भगवान राम के जन्म के अवसर पर मनाई जाती है, जबकि महानवमी नवरात्रि के नौ दिनों के अंत में मनाई जाती है और देवी दुर्गा की पूजा के लिए समर्पित है। इसके अलावा, Ramnavami पर भगवान राम की पूजा की जाती है, जबकि महानवमी पर मां दुर्गा की पूजा की जाती है और रामलीला और भजन संध्या जैसे विभिन्न धार्मिक कार्यक्रम होते हैं।
विशेषता | रामनवमी | महानवमी |
महत्व | भगवान राम के जन्म के अवसर पर मनाया जाता है। | नवरात्रि के नौ दिनों के अंत में मनाया जाता है और मां दुर्गा की पूजा के लिए अर्पित होता है। |
मनाने का समय | चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी | शारदीय नवरात्रों के अंत में |
धार्मिक कार्य | भगवान राम की पूजा-अर्चना की जाती है। | मां दुर्गा की पूजा की जाती है। |
विशेष आयोजन | भक्तों द्वारा रामायण श्लोकों का पाठ | धार्मिक कार्यक्रम, रामलीला, और भजन संध्या। |
रामनवमी का इतिहास | Ramnavami Ka Itihas
अयोध्या नगरी में राजा दशरथ ने महर्षि वशिष्ठ की सलाह का बड़ी आस्था से पालन किया और कामेष्टि यज्ञ करने का निर्णय लिया। यज्ञ समाप्त होते ही खीर राजा की तीनों रानियों को परोसी गई। इस अनोखे यज्ञ के कुछ समय बाद राजमहल में एक अद्भुत घटना घटी। रानी कौशल्या सबसे पहले प्रसव करने वाली थीं, जिनसे भगवान राम का जन्म हुआ, जो सर्वश्रेष्ठ और प्रिय थे।
फिर कैकेयी ने भरत को जन्म दिया, जो उनके प्रिय और हृदय प्रिय थे। और अंततः, सुमित्रा ने जुड़वाँ बच्चों, लक्ष्मण और शत्रुघ्न को जन्म दिया, जो एक-दूसरे के प्यार में एक-दूसरे से जुड़े हुए थे। इस प्रकार यह प्रेरक कहानी हमें धर्म, संबंध और समर्पण का महत्व सिखाती है, जो हर किसी के जीवन में बेहद महत्वपूर्ण है।