सावन की शिवरात्रि कब है: तिथि, शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और जल चढ़ाने का समय

सावन की शिवरात्रि कब है: सावन महीना भगवान शिव को समर्पित है और इस महीने में आने वाली शिवरात्रि का विशेष महत्व है। इसे सावन शिवरात्रि, श्रावण शिवरात्रि या मासिक शिवरात्रि के नाम से भी जाना जाता है। यह श्रावण माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाई जाती है, जो इस साल Sawan Shivratri 02 अगस्त 2024 को पड़ रही है।

यह पर्व भगवान शिव की पूजा के लिए समर्पित है और ऐसा माना जाता है कि इस दिन भगवान शिव और मां पार्वती की विधि-विधान से पूजा करने से अक्षय फल की प्राप्ति होती है और घर में धन की कमी नहीं रहती। साथ ही, यह दिन शिव-पार्वती के मिलन का भी प्रतीक है। आइए, इस लेख में हम Sawan Shivratri 2024 के शुभ मुहूर्त और पूजन विधि के बारे में विस्तार से जानते हैं।

सावन की शिवरात्रि कब है | सावन शिवरात्रि शुभ मुहूर्त

हिंदू पंचांग के अनुसार, सावन महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि 02 अगस्त को दोपहर 03 बजकर 26 मिनट पर शुरू होकर 03 अगस्त को दोपहर 03 बजकर 50 मिनट पर समाप्त होगी। शिवरात्रि का पर्व निशा काल में भगवान शिव और देवी पार्वती की पूजा के लिए समर्पित है, इसलिए इस बार सावन की शिवरात्रि 02 अगस्त को मनाई जाएगी। इस दिन भगवान शिव की कृपा पाने के लिए, रात में विशेष पूजा का आयोजन किया जाता है। Sawan Shivratri Kab Hai

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सावन शिवरात्रि पूजा सामग्री | Sawan Shivratr Pooja Samagri

सावन की शिवरात्रि पर भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए कई तरह के प्रसाद चढ़ाए जाते हैं। इनमें दूध, जल, रोली, चन्दन, बेल पत्र, दूर्वा, घी का दीपक, दूप, मौसमी फल, फूल, मोली यानी कलावा, इत्र और चढ़ावा शामिल हैं। दूध और जल से शिवलिंग का अभिषेक किया जाता है, जबकि रोली और चन्दन से शिवलिंग पर तिलक लगाया जाता है।

बेल पत्र, दूर्वा और फूल शिवजी को प्रिय हैं। घी का दीपक जलाकर शिवजी की आराधना की जाती है और दूप से सुगंधित धुआं उनके चरणों में अर्पित किया जाता है। मौसमी फल और चढ़ावा भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए चढ़ाए जाते हैं। मोली या कलावा शिवजी की पूजा में महत्वपूर्ण माना जाता है और इत्र से शिवलिंग को सुगंधित किया जाता है।

सावन शिवरात्रि की पूजा विधि

  • सुबह जल्दी उठें और स्नान करें।
  • पूजा अनुष्ठान शुरू करने से पहले पूजा कक्ष को साफ कर लें।
  • भगवान शिव की प्रतिमा और शिवलिंग का जलाभिषेक करें।
  • पंचामृत और गंगाजल से अभिषेक करें।
  • अलग-अलग फूल, बेल पत्र, भांग और धतूरा चढ़ाएं।
  • पुरुष शिवलिंग पर जनेऊ चढ़ा सकते हैं, लेकिन महिलाओं को जनेऊ नहीं चढ़ाना चाहिए।
  • सफेद चंदन से शिव जी के माथे पर त्रिपुंड बनाएं।
  • देसी घी का दीया जलाएं और भगवान शिव को खीर का भोग लगाएं।
  • रुद्राक्ष की माला से “महामृत्युंजय मंत्र” का 108 बार जाप करें।
  • भगवान शिव को अक्षत, मीठा पान, मौसमी फल चढ़ाएं।
  • सौभाग्य और सुखी वैवाहिक जीवन के लिए महिलाएं देवी पार्वती को शृंगार का सामान अर्पित करें।
  • अंत में भगवान शिव की आरती करें।

सावन शिवरात्रि पारण का समय | sawan shivratri parana time

वैदिक पंचांग के अनुसार, सावन की शिवरात्रि का व्रत शुक्रवार, 2 अगस्त को रखा जाएगा। इस व्रत का पारण शनिवार, 3 अगस्त 2024 को किया जाएगा। पारण का शुभ मुहूर्त सुबह 6 बजकर 17 मिनट से शुरू होकर 3 बजकर 47 मिनट तक रहेगा। इस दौरान व्रत का पारण करके भोजन ग्रहण किया जा सकता है।

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