मां बगलामुखी चालीसा: माँ बगलामुखी, दस महाविद्याओं में आठवीं, शक्ति की एक अद्भुत अभिव्यक्ति हैं। उनकी उपासना, शत्रुनाश, वाकसिद्धि, और वाद-विवाद में सफलता दिलाने के लिए प्रसिद्ध है। Maa Baglamukhi की कृपा से जहां शत्रुओं का नाश होता है, वहीं जीवन में सुख-समृद्धि और निष्कंटकता आती है।
Maa Baglamukhi की पूजा विशेष रूप से मंगलवार, बुधवार और शनिवार को की जाती है। उनकी कृपा पाने के लिए 10,000 मंत्रों का जाप सामान्य कार्यों के लिए, और असाध्य कार्यों के लिए एक लाख मंत्रों का जाप उचित माना जाता है। माँ बगलामुखी मंत्र के जाप से पूर्व Baglamukhi Kavach का पाठ करना भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। आइए, माँ बगलामुखी की महिमा को समझते हुए, उनकी कृपा प्राप्त करने के लिए प्रार्थना करें।
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मां बगलामुखी चालीसा | Shree Maa Baglamukhi Chalisa
1- नमो महाविधा बरदा , बगलामुखी दयाल ।
स्तम्भन क्षण में करे , सुमरित अरिकुल काल ।।
2- नमो नमो पीताम्बरा भवानी , बगलामुखी नमो कल्यानी ।।
भक्त वत्सला शत्रु नशानी , नमो महाविधा वरदानी ।।
3- अमृत सागर बीच तुम्हारा , रत्न जड़ित मणि मंडित प्यारा ।
स्वर्ण सिंहासन पर आसीना , पीताम्बर अति दिव्य नवीना ।।
4- स्वर्णभूषण सुन्दर धारे , सिर पर चन्द्र मुकुट श्रृंगारे ।
तीन नेत्र दो भुजा मृणाला, धारे मुद्गर पाश कराला ।।
5- भैरव करे सदा सेवकाई , सिद्ध काम सब विघ्न नसाई ।
तुम हताश का निपट सहारा , करे अकिंचन अरिकल धारा ।।
6- तुम काली तारा भुवनेशी ,त्रिपुर सुन्दरी भैरवी वेशी ।
छिन्नभाल धूमा मातंगी , गायत्री तुम बगला रंगी ।।
7- सकल शक्तियाँ तुम में साजें, ह्रीं बीज के बीज बिराजे ।
दुष्ट स्तम्भन अरिकुल कीलन, मारण वशीकरण सम्मोहन ।।
8- दुष्टोच्चाटन कारक माता , अरि जिव्हा कीलक सघाता ।
साधक के विपति की त्राता , नमो महामाया प्रख्याता ।।
9- मुद्गर शिला लिये अति भारी , प्रेतासन पर किये सवारी ।
तीन लोक दस दिशा भवानी , बिचरहु तुम हित कल्यानी ।।
10- अरि अरिष्ट सोचे जो जन को ,बुध्दि नाशकर कीलक तन को ।
हाथ पांव बाँधहु तुम ताके,हनहु जीभ बिच मुद्गर बाके ।।
11- चोरो का जब संकट आवे , रण में रिपुओं से घिर जावे ।
अनल अनिल बिप्लव घहरावे , वाद विवाद न निर्णय पावे ।।
12- मूठ आदि अभिचारण संकट . राजभीति आपत्ति सन्निकट ।
ध्यान करत सब कष्ट नसावे , भूत प्रेत न बाधा आवे ।।
13- सुमरित राजव्दार बंध जावे ,सभा बीच स्तम्भवन छावे ।
नाग सर्प ब्रर्चिश्रकादि भयंकर , खल विहंग भागहिं सब सत्वर ।।
14- सर्व रोग की नाशन हारी, अरिकुल मूलच्चाटन कारी ।
स्त्री पुरुष राज सम्मोहक , नमो नमो पीताम्बर सोहक ।।
15- तुमको सदा कुबेर मनावे , श्री समृद्धि सुयश नित गावें ।
शक्ति शौर्य की तुम्हीं विधाता , दुःख दारिद्र विनाशक माता ।।
16- यश ऐश्वर्य सिद्धि की दाता , शत्रु नाशिनी विजय प्रदाता ।
पीताम्बरा नमो कल्यानी , नमो माता बगला महारानी ।।
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17- जो तुमको सुमरै चितलाई ,योग क्षेम से करो सहाई ।
आपत्ति जन की तुरत निवारो , आधि व्याधि संकट सब टारो ।।
18- पूजा विधि नहिं जानत तुम्हरी, अर्थ न आखर करहूँ निहोरी ।
मैं कुपुत्र अति निवल उपाया , हाथ जोड़ शरणागत आया ।।
19- जग में केवल तुम्हीं सहारा , सारे संकट करहुँ निवारा ।
नमो महादेवी हे माता , पीताम्बरा नमो सुखदाता ।।
20- सोम्य रूप धर बनती माता , सुख सम्पत्ति सुयश की दाता ।
रोद्र रूप धर शत्रु संहारो , अरि जिव्हा में मुद्गर मारो ।।
21- नमो महाविधा आगारा, आदि शक्ति सुन्दरी आपारा ।
अरि भंजक विपत्ति की त्राता, दया करो पीताम्बरी माता ।।
22- रिद्धि सिद्धि दाता तुम्हीं, अरि समूल कुल काल ।
मेरी सब बाधा हरो, माँ बगले तत्काल ।।
माँ बगलामुखी मंत्र | Maa Baglamukhi Mantra
माँ बगलामुखी की कृपा पाने के लिए, विभिन्न सामग्रियों से होम करने की विधि प्रचलित है। मान्यता है कि मधु और शर्करायुक्त तिलों से होम करने पर, Maa Baglamukhi की कृपा से वशीकरण होता है। तेल युक्त नीम के पत्तों से होम करने पर, विद्वेषण होता है, अर्थात शत्रुओं का दुष्प्रभाव दूर होता है। जबकि हरिताल, नमक और हल्दी से होम करने पर, Maa Baglamukhi की कृपा से शत्रुओं का नाश होता है।
यह विधि Maa Baglamukhi की शक्ति और उनकी कृपा पाने के लिए विभिन्न उपायों का प्रतीक है। यह विधि माँ बगलामुखी की भक्ति और उनकी कृपा प्राप्त करने की इच्छा को प्रकट करती है।
ऊॅं ह्लीं बगलामुखी देव्यै सर्व दुष्टानाम वाचं मुखं पदम् स्तम्भय जिह्वाम कीलय-कीलय बुद्धिम विनाशाय ह्लीं ऊॅं नम:
माँ बगलामुखी भय नाशक मंत्र | Maa Baglamukhi Bhay Nashak Mantra
माँ बगलामुखी, भय नाशक देवी, अपनी कृपा से मन में बसे डर को दूर करती हैं। अगर आप किसी व्यक्ति, वस्तु, या परिस्थिति से डरते हैं, या अज्ञात भय आपको सताता है, तो Maa Baglamukhi के भय नाशक मंत्र “ऊॅं ह्लीं ह्लीं ह्लीं बगले सर्व भयं हन” का जाप करें।
इस जाप के दौरान, पीले रंग के वस्त्र और हल्दी की गांठें Maa Baglamukhi को अर्पित करें। पुष्प, अक्षत, धूप-दीप से उनकी पूजा करें। रुद्राक्ष की माला से 6 माला का जाप करें, और अपना मुख दक्षिण दिशा की ओर रखें।
माँ बगलामुखी की शक्ति “बगला” रूप में शत्रुओं को नष्ट करने की इच्छा रखती है। “पितांबराविद्या” के नाम से विख्यात Maa Baglamukhi की साधना शत्रु भय से मुक्ति और वाकसिद्धि प्राप्त करने के लिए की जाती है। उनकी उपासना में हल्दी की माला, पीले फूल और पीले वस्त्रों का विधान है। Maa Baglamukhi का द्विभुज चित्रण अधिक प्रचलित है, और वे सौम्या रूप में वर्णित हैं। माँ बगलामुखी की कृपा से आप अपने मन में बसे डर को दूर कर सकते हैं, और अपने जीवन में शांति और सफलता प्राप्त कर सकते हैं।
36 अक्षरों का बगलामुखी महामंत्र
Maa Baglamukhi की कृपा पाने के लिए, उनकी चालीसा का पाठ विशेष महत्व रखता है। मान्यता है कि जो भी भक्त माँ बगलामुखी की चालीसा का पाठ पूरी श्रद्धा और विश्वास के साथ दोनों संध्याओं में करता है, देवी माँ उनकी समस्त इच्छाओं को पूर्ण करती हैं और उनके शत्रुओं का नाश करके उनकी रक्षा करती हैं।
Maa Baglamukhi Chalisa का पाठ न केवल उनकी कृपा प्राप्त करने का एक माध्यम है, बल्कि यह भक्ति और श्रद्धा की एक अद्भुत अभिव्यक्ति भी है। यह पाठ माँ बगलामुखी के प्रति समर्पण और उनकी शक्ति में विश्वास को प्रकट करता है।
ऊँ ह्लीं बगलामुखी सर्वदुष्टानां वाचं मुखं पदं स्तम्भय, जिह्वा कीलय बुद्धिं विनाशय ह्लीं ऊँ स्वाहा