Tu Hi Ram Hai Tu Rahim Hai: “तू ही राम है, तू ही रहीम है” – ये शब्द एक ऐसे मंत्र की तरह हैं जो भक्ति और ज्ञान का एक अनूठा संगम प्रस्तुत करते हैं। ये शब्द हमें एक ऐसी यात्रा पर ले जाते हैं जहाँ हम अपने अंदर ईश्वर के दर्शन को ढूँढते हैं। यह मंत्र, राम और रहीम को एक ही ईश्वर के दो अलग-अलग रूपों के रूप में प्रस्तुत करता है, जो प्रेम, करुणा और दया के प्रतीक हैं।
इस ब्लॉग में, हम इस मंत्र में छिपे हुए गहरे अर्थों का पता लगाएंगे और इसके पीछे के दर्शन को समझने की कोशिश करेंगे। आइए, इस मंत्र की अद्भुत यात्रा पर निकलें और इसके अर्थ को समझने का प्रयास करें।
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तू ही राम है तू ही रहीम है | Tu Hi Ram Hai Tu Rahim Hai
तू ही राम है, तू रहीम है,
तू करीम, कृष्ण, खुदा हुआ,
तू ही वाहे गुरु, तू ईश मसीह,
हर नाम में, तू समा रहा।
तू ही राम है, तू रहीम है,
तू करीम, कृष्ण, खुदा हुआ,
तू ही वाहे गुरु, तू ईश मसीह,
हर नाम में, तू समा रहा।
तेरी ज़ात-ए-पाक क़ुरान में,
तेरा दर्श वेद पुराण में,
गुरु ग्रंथ जी के बखान में,
तू प्रकाश अपना दिखा रहा।
तू ही राम है, तू रहीम है,
तू करीम, कृष्ण, खुदा हुआ,
तू ही वाहे गुरु, तू ईश मसीह,
हर नाम में, तू समा रहा।
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अरदास है, कहीं कीर्तन,
कहीं राम धुन, कहीं आवाहन,
विधि भेद का है ये सब रचन,
तेरा भक्त तुझको बुला रहा।
तू ही राम है, तू रहीम है,
तू करीम, कृष्ण, खुदा हुआ,
तू ही वाहे गुरु, तू ईश मसीह,
हर नाम में, तू समा रहा।
विधि वेश जात के भेद से
हमें मुक्त कर दो परम पिता ,
तुझे देख पाएं सभी में हम
तुझे देख पाएं सभी जगह॥
तू ही राम है, तू रहीम है,
तू करीम, कृष्ण, खुदा हुआ,
तू ही वाहे गुरु, तू ईश मसीह,
हर नाम में, तू समा रहा।
तेरे गुण नहीं हम गा सके
तुझे कैसे मन में ला सकें,
है दुआ यही तुझे पा सकें
तेरे दर पे सर हो झुका हुआ॥
तू ही राम है, तू रहीम है,
तू करीम, कृष्ण, खुदा हुआ,
तू ही वाहे गुरु, तू ईश मसीह,
हर नाम में, तू समा रहा।
तू ही राम है, तू रहीम है,
तू करीम, कृष्ण, खुदा हुआ,
तू ही वाहे गुरु, तू ईश मसीह,
हर नाम में, तू समा रहा।