Batuk Bhairav Jayanti 2024: बटुक भैरव जयंती पौराणिक कथा, पूजा के लाभ व उपाय जानें

Batuk Bhairav Jayanti 2024: हिंदू पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ महीने की शुक्ल पक्ष की दशमी को बटुक भैरव जयंती मनाई जाती है। इस वर्ष, यह पावन त्योहार 16 जून, रविवार को मनाया जाएगा। इस दिन, भगवान शिव ने भैरव के रूप में अवतार लिया था, जो शक्ति, रक्षा और भय का प्रतीक है। आइए, इस लेख में हम Batuk Bhairav जयंती के महत्व, भगवान भैरव की पूजा और इस त्योहार से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण बातों को जानते हैं।

बटुक भैरव जयंती पौराणिक कथा | Batuk Bhairav Jayanti 2024

प्राचीन काल में, जब धरती पर सुख-शांति का वास था, तब एक राक्षस, आपद नाम का, उत्पन्न हुआ। आपद क्रूर और अत्याचारी था। वह मनुष्यों, देवताओं और यक्षों पर अत्याचार करता, उनके घरों को लूटता और उनकी संपत्ति हड़पता। तीनों लोकों के देवी-देवता आपद के अत्याचार से परेशान हो गए। वे Shiv Ji के पास गए और उनसे मदद माँगी। शिवजी ने आपद का अत्याचार सुना और उसकी क्रूरता से दुखी हुए।

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आपद को एक वरदान प्राप्त था, जो उसे अमर बनाता था। कोई भी देवी-देवता उसे मार नहीं सकता था। केवल एक पांच साल का बच्चा ही उसे वध कर सकता था। Shiv Ji ने देवी-देवताओं की विनती सुनी और अपनी कृपा से एक पांच साल के बालक का रूप धारण किया। इस बालक का नाम Batuk Bhairav रखा गया। Batuk Bhairav भयानक और विकराल रूप में थे, उनके हाथों में त्रिशूल और डमरू थे।

Batuk Bhairav ने आपद का पीछा किया और उससे युद्ध किया। आपद ने बटुक भैरव पर हमला किया, लेकिन Batuk Bhairav ने अपनी शक्ति और चातुर्य से उसका सामना किया। अंत में, बटुक भैरव ने अपने त्रिशूल से आपद का वध कर दिया। आपद के वध से तीनों लोक खुश हुए। देवी-देवता बटुक भैरव की स्तुति करने लगे। Batuk Bhairav ने अपने भयानक रूप से सभी राक्षसों और दुष्टों को भयभीत किया और धरती पर फिर से शांति स्थापित की।

इस प्रकार, Batuk Bhairav, भगवान शिव का बाल रूप, एक महान योद्धा और धरती के रक्षक के रूप में जाने गए। उनकी कहानी आज भी लोगों को प्रेरित करती है और हमें अच्छाई और बुराई के बीच के युद्ध की याद दिलाती है।

बटुक भैरव की पूजा के लाभ | Batuk Bhairav Ki Puja Ke Labh

इस बार Batuk Bhairav ​​Jayanti रविवार को पड़ रही है, जो इस पावन अवसर को और भी खास बना देता है। मान्यता है कि रविवार को भगवान Batuk Bhairav की पूजा करने से भक्त को अद्भुत शक्ति की प्राप्ति होती है। बल, बुद्धि, ज्ञान और मान-सम्मान, ये सभी इस पूजा के फल हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार राहु-केतु से जुड़ी समस्याओं से मुक्ति पाने में भी Batuk Bhairav की पूजा बहुत कारगर मानी जाती है। इस रविवार को Batuk Bhairav की भक्ति में डूबकर उनका आशीर्वाद प्राप्त करें और जीवन में समृद्धि और सफलता प्राप्त करें।

बटुक भैरव  की कृपा पाने के उपाय | Batuk Bhairav Ki Kripa Pane Ke Upay

Batuk Bhairav ​​Jayanti पर भगवान की कृपा पाने के लिए ये उपाय करें:

  • कुत्ते की पूजा: Batuk Bhairav की सवारी श्वान है, इसलिए उन्हें दूध पिलाएं और उनकी पूजा करें। इससे जीवन में आने वाली मुसीबतों से बचाव होता है।
  • काले कुत्ते को खिलाएं: Batuk Bhairav ​​Jayanti के दिन काले कुत्ते को सरसों के तेल लगी हुई रोटियां खिलाएं। इससे आपका दुर्भाग्य दूर होगा।
  • शिवलिंग पर दूध चढ़ाएं: अशुभ ग्रहों के नकारात्मक प्रभाव से बचने के लिए शिवलिंग पर कच्चा दूध चढ़ाएं। इससे आपकी सारी मनोकामनाएं पूरी होंगी।
  • भैरव बाबा को प्रसाद चढ़ाएं: भैरव बाबा को सफेद फूल, केला, लड्डू, मीठे पुए और पंचामृत चढ़ाएं। इससे भगवान की आप पर कृपा रहेगी।
  • शनि दोष से मुक्ति: Batuk Bhairav ​​Jayanti के दिन सरसों के तेल में उड़द के पकौड़े, पापड़, पूए आदि तल कर किसी शनि मंदिर में रख आए या गरीबों को बांट दें। इससे शनि दोष से मुक्ति मिलेगी।
  • “ॐ बटुक भैरवाय नमः” मंत्र का जाप: कुत्ते को खिलाते समय या पूजा के दौरान इस मंत्र का जाप करें। इससे भैरव बाबा की कृपा प्राप्त होगी।
  • रविवार का महत्व: Batuk Bhairav ​​Jayanti रविवार को होने से इसका महत्व और भी बढ़ जाता है। रविवार को भगवान Batuk Bhairav की साधना करने पर बल, बुद्धि, विद्या, मान-सम्मान आदि की प्राप्ति होती है।
  • राहु-केतु से मुक्ति: ज्योतिष के अनुसार राहु-केतु से संबंधी समस्याओं को दूर करने के लिए बटुक की साधना अत्यंत फलदायी है।
  • पवित्रता का ध्यान रखें: पूजा के दौरान साफ-सफाई का ध्यान रखें और शुद्ध मन से भगवान की आराधना करें।
  • दया भाव: किसी भी जीव को नुकसान पहुंचाने से बचें और सभी प्राणियों के प्रति दया भाव रखें।

इन उपायों को करते हुए Bhairav ​​​​Baba की कृपा से आपका जीवन सुखमय और समृद्ध होगा।

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