गुप्त नवरात्रि पूजा विधि: नवरात्रि, माता आदिशक्ति की आराधना का पर्व, साल में चार बार मनाया जाता है। चैत्र और अश्विन नवरात्रि तो सभी जानते हैं, पर क्या आप गुप्त नवरात्रि के बारे में जानते हैं? ये दो गुप्त नवरात्रि, साल में एक बार आषाढ़ माह में और दूसरी बार माघ माह में मनाई जाती हैं। आषाढ़ गुप्त नवरात्रि, दस महाविद्याओं की पूजा का विशेष अवसर है।
इन दस महाविद्याओं में मां काली, तारा, त्रिपुर सुंदरी, भुवनेश्वरी, छिन्नमस्ता, त्रिपुर भैरवी, धूमावती, बगलामुखी, मातंबगी और कमला स्वरूप शामिल हैं। इनकी पूजा से घर परिवार की नकारात्मकता दूर होती है और सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है। आइए, इस लेख में हम आषाढ़ गुप्त नवरात्रि की तिथि, पूजा विधि और महत्व के बारे में विस्तार से जानते हैं।
Table of Contents
आषाढ़ माह गुप्त नवरात्रि तिथि | Ashad Month Gupt Navratri Date
इस साल, आषाढ़ माह में गुप्त नवरात्रि का पावन पर्व 6 जुलाई, शनिवार को आरंभ होकर 15 जुलाई, सोमवार को समाप्त होगा। इस बार, आषाढ़ माह में चतुर्थी तिथि दो दिन होने के कारण, नवरात्रि दस दिनों तक मनाई जाएगी। ये दस दिन मां आदिशक्ति के दस महाविद्याओं की पूजा के लिए समर्पित हैं, जिनमें मां काली, तारा, त्रिपुर सुंदरी, भुवनेश्वरी, छिन्नमस्ता, त्रिपुर भैरवी, धूमावती, बगलामुखी, मातंबगी और कमला स्वरूप शामिल हैं। इस गुप्त नवरात्रि में, भक्त इन दस महाविद्याओं की कृपा प्राप्त करने के लिए विशेष पूजा, ध्यान और मंत्र जाप करते हैं।
यह गुप्त नवरात्रि, नकारात्मक ऊर्जाओं को दूर करने और सकारात्मक ऊर्जाओं को आकर्षित करने का एक अद्भुत अवसर है। इस दौरान, घर परिवार में शांति और समृद्धि के लिए विशेष अनुष्ठान और मंत्र जाप किए जाते हैं।
इस आषाढ़ गुप्त नवरात्रि में, आप भी मां आदिशक्ति की कृपा प्राप्त करने के लिए, अपने घर में पूजा, ध्यान और मंत्र जाप कर सकते हैं। यह समय, आध्यात्मिक विकास और आंतरिक शांति प्राप्त करने का एक अद्भुत अवसर है।
Aslo Read: गुप्त नवरात्रि की आरती: माँ दुर्गा की 10 महाविद्याएं, शक्तिशाली मंत्र, पूजा विधि
गुप्त नवरात्रि पूजा विधि | Gupt Navratri Ki Puja Vidhi
नवरात्रि की पूजा के लिए कुछ महत्वपूर्ण बातें:
- नवरात्रि शुरू होने से पहले घर और पूजा स्थल की साफ-सफाई जरूर करें.
- पूजा शुरू होने से पहले मिट्टी के बर्तन में जौ बोएं.
- पूजा के दिन कलश स्थापित करें और अखंड ज्योति जलाएं.
- दुर्गा सप्तशती का पाठ करें.
- नवरात्रि के पहले दिन मां काली की आराधना करें.
- अगले नौ दिनों तक ब्रह्ममुहूर्त में उठकर सभी दस महाविद्याओं की पूजा करें.
- हर दिन मां दुर्गा की भी पूजा करें.
गुप्त नवरात्रि महत्व | Gupt Navratri Mahatva
गुप्त नवरात्रि, माता आदिशक्ति के दस महाविद्या स्वरूपों की पूजा का एक रहस्यमय पर्व है। इस अवधि में, ब्रह्मांड के गहरे रहस्यों का ज्ञान प्राप्त करने के लिए गुप्त साधना की जाती है। यह समय तंत्र साधना के लिए भी अत्यंत महत्वपूर्ण है, जहाँ भक्त माता की कृपा से भविष्य का ज्ञान प्राप्त कर सकते हैं।
माना जाता है कि गुप्त नवरात्रि में माता को प्रसन्न करने वाले भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। उनके घर में सुख-समृद्धि का वास होता है और आध्यात्मिक ज्ञान की प्राप्ति होती है। यह समय, आंतरिक शक्ति और ज्ञान की खोज का एक अद्वितीय अवसर है, जहाँ भक्त माता के आशीर्वाद से ब्रह्मांड के रहस्यों को समझने की ओर अग्रसर होते हैं।
गुप्त नवरात्रि में विवाह के उपाय
गुप्त नवरात्रि, माता की कृपा पाने और अपनी मनोकामनाओं को पूरा करने का एक अद्भुत अवसर है। इस समय, विशेष मंत्रों और पूजा विधियों के माध्यम से, आप अपने जीवन में सकारात्मक परिवर्तन ला सकते हैं।
विवाह की बाधा दूर करने के लिए
- “ॐ श्रीं वर प्रदाय श्री नमः” मंत्र का जप: इस मंत्र का लगातार जाप करने से शीघ्र विवाह के योग बनते हैं।
- मां दुर्गा को फूल अर्पित करें: विवाह में आ रही बाधाओं को दूर करने के लिए, मां दुर्गा को फूल अर्पित करें। यह उनके आशीर्वाद और कृपा प्राप्त करने का एक शक्तिशाली तरीका है।
विवाह में आ रही बाधा को दूर करने के लिए
- खुले मन से बात करें: दोनों परिवारों और व्यक्तियों को एक-दूसरे के साथ खुले मन से बात करनी चाहिए। समस्याओं को समझने और समाधान खोजने की कोशिश करनी चाहिए।
- समझौता करें: विवाह में समझौता करना बहुत ज़रूरी है। दोनों पक्षों को अपनी ज़रूरतों और इच्छाओं को समझौता करके एक-दूसरे के साथ आगे बढ़ना चाहिए।
- परिवार और दोस्तों का सहयोग लें: परिवार और दोस्तों का सहयोग लेना भी मददगार हो सकता है। वे दोनों पक्षों को समझाने में मदद कर सकते हैं और समस्याओं का समाधान खोजने में मदद कर सकते हैं।
- समय दें: विवाह में आने वाली बाधाओं को दूर करने में समय लगता है। धीरे-धीरे और धैर्य से काम करें।
- विशेषज्ञ की मदद लें: अगर समस्याएँ बहुत ज़्यादा हैं, तो आप किसी विशेषज्ञ की मदद ले सकते हैं। एक काउंसलर या थेरेपिस्ट आपको समस्याओं को समझने और समाधान खोजने में मदद कर सकता है।
- धैर्य रखें: विवाह में आने वाली बाधाओं को दूर करने में समय लगता है। धैर्य रखें और एक-दूसरे के साथ मिलकर काम करें।