वर्ष में हनुमान जयंती दो बार क्यों मनाई जाती है

हनुमान जयंती दो बार क्यों मनाई जाती है:- Hanuman Jayanti को हिंदू धर्म में बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। यह त्योहार भक्तों के लिए आशीर्वाद का संदेश लेकर आता है। हनुमान जी को सक्षम, प्रेरणादायक और संकटमोचक के रूप में पूजा जाता है। इस दिन भक्त उनकी पूजा-अर्चना करते हैं और उनकी कृपा का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। हनुमान जी की जयंती पर लोगों ने विभिन्न धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन कर उन्हें ध्यान, भक्ति और सेवा के माध्यम से समर्पित किया। इस दिन, भक्तों का मन पूर्ण और नई ऊर्जा और जीवन शक्ति से भरा होता है।

Hanuman Jayanti Do Baar Kyu Manai Jati Hai

हनुमान जयंती दो बार क्यों मनाई जाती है | Hanuman Jayanti Do Baar Kyu Manai Jati Hai

हनुमानजी की जयंती दो बार मनाने के पीछे कई कारण हैं। वर्ष में कार्तिक माह और चैत्र माह दोनों ही महत्वपूर्ण माने जाते हैं। कार्तिक माह में हनुमान जी के जन्म की चतुर्दशी को भक्त विशेष उत्साह के साथ मनाते हैं। वहीं चैत्र मास की पूर्णिमा के दिन उनकी जयंती भी बड़ी धूमधाम से मनाई जाती है। यह परंपरा हजारों साल पुरानी है और इसमें भक्ति, समर्पण और प्रेम की गहरी भावनाएं समाहित हैं। दोनों तिथियों पर उत्सव हनुमान जी के अद्वितीय महत्व और उनके भक्तों की अटूट आस्था का प्रतीक है।

हनुमान जयंती 2024 कब है | 2024 Me Hanuman Jayanti Kab Hai

त्यौहार के नामदिनत्यौहार की तारीख
हनुमान जयंतीमंगलवार23 अप्रैल 2024 

हनुमान जयंती का शुभ मुहूर्त | Hanuman Jayanti Ka Shubh Muhurt

Hanuman Jayanti 23 अप्रैल 2024 को मनाई जाएगी. इस दिन पूरे भारत में Hanuman Jayanti का त्योहार बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है. Hanuman Jayanti की पूजा के लिए दोपहर का समय शुभ माना जाता है जब भक्त भगवान हनुमान की पूजा और आराधना करते हैं। पूर्णिमा तिथि 23 अप्रैल को सुबह 3:25 बजे शुरू होगी और 24 अप्रैल को सुबह 5:18 बजे समाप्त होगी। इस त्योहार के दिन, भक्तों की भावनाओं में उत्साह और श्रद्धा होती है, जो हनुमान जी की महिमा को याद करते हैं और उसकी भक्ति.

हनुमान जयंती पर करें पूजा | Hanuman Jayanti Per Kare Puja

  • सुबह स्नान कर साफ कपड़े पहनें।
  • रात के शुभ समय में एक लकड़ी की चौकी पर बजरंगबली की मूर्ति स्थापित करें।
  • मूर्ति के सामने घी का दीपक जलाएं.
  • कच्चे दूध, दही, घी और शहद से उनका अभिषेक करें।
  • बजरंगबली को लाल या पीले रंग का कपड़ा, कलावा, फूल, धूप, अगरबत्ती अर्पित करें।
  • हनुमान चालीसा का पाठ और पूजा करनी चाहिए।
  • भक्तों को हनुमान चालीसा, बजरंग बाण, सुन्दरकाण्ड और रामायण का पाठ करना चाहिए।

हनुमान जयंती मनाने का कारण | Hanuman Jayanti Manane Ka Karan

हनुमान जी के जन्म का पहला उत्सव उनके माता अंजनी की कोख से जन्म लेने के साथ ही मनाया जाता है। इस दिन भक्त भगवान हनुमान की पूजा करते हैं और विशेष प्रसाद चढ़ाते हैं। धार्मिक कथाओं के अनुसार, हनुमान जी के जन्म के बाद उन्हें बहुत भूख लगती है, जिसके कारण वे सूर्य देव को आम का फल समझकर निगल लेते हैं। यह प्रसंग भक्तों को हनुमान जी के अद्भुत स्वभाव और अनन्य भक्ति की शिक्षा देता है। इस दिन को भगवान हनुमान की जयंती के रूप में मनाते हुए, भक्तों का दिल खुशी से भर जाता है और वे उनका आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए प्रार्थना करते हैं।

दूसरी Hanuman Jayanti दिवाली के दिन या उससे एक दिन पहले मनाई जाती है, जिसमें माना जाता है कि इस दिन हनुमानजी के प्रति समर्पण और भक्ति देखकर माता सीता ने हनुमानजी को अमरता का आशीर्वाद दिया था। इसलिए इस दिन को भक्तों द्वारा एक विशेष त्योहार के रूप में मनाया जाता है। यह परंपरा हजारों वर्षों से चली आ रही है और हनुमान जी के विशेष समर्पण के प्रति भक्तों के सम्मान और श्रद्धा का प्रतीक है। इस अवसर पर भक्त विशेष रूप से भगवान हनुमान की पूजा करते हैं और उन्हें प्रसाद चढ़ाते हैं, जिससे उनका आशीर्वाद मिलता है।

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