नाग पंचमी कब है:- नाग पंचमी का त्योहार हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखता है। यह त्योहार सावन के महीने में मनाया जाता है, जो Bhagwan Shiv और नागों की पूजा के लिए सर्वोत्तम माना जाता है। Nag Panchami के दिन लोग नाग देवता की पूजा करते हैं और उन्हें दूध चढ़ाते हैं। मान्यता है कि इस दिन नाग देवता की पूजा करने से सर्प दोष से मुक्ति मिल जाती है और उपासक की सर्पदंश से मृत्यु नहीं होती है। हर साल यह त्योहार सावन माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है। आइए जानते हैं कि साल 2024 में नाग पंचमी का त्योहार कब मनाया जाएगा।
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साल 2024 में नाग पंचमी कब है | Saal 2024 Me Nag Panchami Kab Hai
साल 2024 में नाग पंचमी 9 अगस्त, शुक्रवार को मनाई जाएगी। यह दिन Bhagwan Shiv और नाग देवता की पूजा को समर्पित है। यह त्यौहार श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है। यह तिथि 9 अगस्त को सुबह 8:15 बजे से शुरू होकर 10 अगस्त को सुबह 6:08 बजे तक रहेगी.
नाग पंचमी क्यों मनाई जाती है | Nag Panchami Kyo Manai Jati Hai
Nag Panchami, जिसे “पंचमी” या “नागों का त्योहार” भी कहा जाता है, सावन माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी को मनाया जाने वाला हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण त्योहार है। इस दिन Bhagwan Shiv और नाग देवता की पूजा की जाती है। Nag Panchami मनाने के पीछे कई पौराणिक कथाएं और मान्यताएं हैं, जिनमें से कुछ प्रमुख हैं। पौराणिक कथाओं के अनुसार, Bhagwan Shiv अपने गले में नागों के देवता वासुकि को धारण करते हैं। Nag Panchami के दिन Bhagwan Shiv और वासुकी की एक साथ पूजा की जाती है। एक पौराणिक कथा के अनुसार, ऋषि जमद्वाज को एक बार कालसर्प योग का सामना करना पड़ा।
उन्होंने Bhagwan Shiv और नाग देवता की पूजा की और इस दोष से मुक्ति पा ली। इस घटना के बाद से काल सर्प दोष से मुक्ति पाने के लिए Nag Panchami मनाई जाने लगी। नागों को पृथ्वी का रक्षक माना जाता है और वे फसलों के लिए हानिकारक कीड़ों और कीटों को नियंत्रित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इसलिए Nag Panchami के दिन नागों की पूजा करके उनके प्रति कृतज्ञता व्यक्त की जाती है।
नाग पंचमी पूजा शुभ मुहूर्त 2024 | Nag Panchami Puja Shubh Muhurat 2024
नाग पंचमी का त्योहार साल 2024 में 9 अगस्त को सुबह 5 बजे से 8 बजे तक मनाया जाएगा। इस दिन पूजा के लिए 3 घंटे का समय रहेगा जो शुभ रहेगा। Nag Panchami के इस महत्वपूर्ण दिन नाग देवता की पूजा करने से नाग दोष से राहत मिलती है और उपासक को धन, समृद्धि और स्वास्थ्य की प्राप्ति होती है।
समय | विवरण |
शुक्रवार, 9 अगस्त 2024 | नाग पंचमी का पर्व |
सुबह का अभिजीत मुहूर्त | 6:16 बजे से 7:05 बजे तक |
दोपहर का शुभ मुहूर्त | 12:13 बजे से 1:02 बजे तक |
शाम का प्रदोष काल मुहूर्त | 6:33 बजे से 8:22 बजे तक |
रात्रि का अतिरात्रि मुहूर्त | 11:55 बजे से 12:44 बजे तक |
पूरे दिन का शुभ मुहूर्त | सूर्योदय से सूर्यास्त तक (सुबह 5:54 बजे से शाम 7:12 बजे तक) |
- अभिजीत मुहूर्त: यह दिन का सबसे शुभ समय माना जाता है, जिसमें पूजा करना अत्यंत फलदायी होता है।
- दोपहर का शुभ समय: यह भी पूजा-पाठ का अच्छा समय है, जो शुभता और सुख में वृद्धि करता है।
- प्रदोष काल मुहूर्त: यह Bhagwan Shiv की पूजा के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, जो आपको आध्यात्मिक शांति और समृद्धि प्रदान करता है।
- अतिरात्रि मुहूर्त: यह रात का आखिरी पहर होता है, जो बेहद शुभ माना जाता है और आपके जीवन में सुख-समृद्धि लाता है।
- पूरे दिन का शुभ समय: आप अपनी सुविधा के अनुसार सूर्योदय से सूर्यास्त के बीच किसी भी समय पूजा कर सकते हैं, जिससे आपको धार्मिकता और आनंद से भरा अनुभव मिलता है।
नाग पंचमी की पूजा विधि | Nag Panchami Ki Puja Vidhi
- सुबह उठते ही नहा लें और साफ कपड़े पहन लें।
- अपने घर में नाग देवता की मूर्ति या चित्र स्थापित करें और उन्हें दूध, जल, फूल, फल और मिठाई सहित प्रसाद चढ़ाएं।
- Nag Panchami के दिन आठ नागों अनंत, वासुकि, पद्म, महापद्म, तक्षक, कुलीर, कर्कट और शंख की पूजा करें।
- चतुर्थी के दिन व्रत करके पंचमी के दिन एक समय भोजन करें और शाम को एक समय भोजन करें।
- पूजा के लिए लकड़ी की चौकी पर मिट्टी की मूर्ति या सांप की मूर्ति रखें।
- हल्दी, रोली, चावल और फूल चढ़ाकर नाग देवता की पूजा करें।
- कच्चा दूध, घी और चीनी मिलाकर एक लकड़ी के पटरे पर बैठे नाग देवता को अर्पित करें।
- पूजा के बाद नाग देवता की आरती करें और धूप-दीप जलाएं।
- सपेरे को दक्षिणा दें और दूध पिलाएं।
- Nag Panchami की कथा सुनें और “ओम नमः शिवाय” मंत्र का जाप करें।
- व्रत के संबंध में ध्यान रखें सूर्योदय से पहले भोजन करें और फिर सूर्यास्त के बाद ही भोजन करें।
नाग पंचमी का महत्व | Nag Panchami Ka Mahatva
नाग पंचमी के दिन Bhagwan Shiv और नाग देवता की पूजा करने से पापों का नाश होता है और मनोकामनाएं पूरी होती हैं। लोग इस अद्भुत दिन को अपने घरों में ध्यान और आदर्शों के साथ मनाते हैं। वे नाग देवता की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करते हैं और उन्हें दूध, जल, फूल, फल और मिठाई सहित प्रसाद चढ़ाते हैं। यह समय आनंद और भक्ति से भरा है। खासतौर पर कुछ लोग इस दिन व्रत भी रखते हैं, जिससे उन्हें आध्यात्मिक ऊर्जा में नवीनता और शक्ति मिलती है। यह व्रत उनके मानसिक और आध्यात्मिक विकास में मदद करता है और उन्हें नाग देवता के आशीर्वाद से प्रेरित करता है।
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